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यहाँ एक्यूप्रेशर के लाभ हैं

सदियों से एक्यूप्रेशर शरीर को कमजोर और रोगमुक्त बनाए रखने का काम कर रहा है। एक्यूप्रेशर एक चीनी चिकित्सा पद्धति है, जो हमारे शरीर को कई तरह की बीमरियों से बचाती है और शरीर में रक्त संचार से लेकर एनर्जी लेवल तक उचित बनाए रखता है। दरअसल, शरीर जब किसी बीमारी की चपेट में आता है, तो सबसे पहले हमारा एनर्जी लेवल डाउन होता है। उन बलों को शरीर में लौटाना और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक्यूप्रेशर एक सबसे अच्छा और आसान उपाय है। इस पद्धति में सबसे पहली बीमारी की इस बात की पहचान की जाती है कि किस अंग पर लगातार दबाव डाला जा रहा है और उसके बाद बॉडी पार्ट से संबधित बिंदुओं पर सरंचन उपचार किया जाता है। एक्यूप्रेशर हमारे ब्लड सर्कुलेशन को निश्चित करने का काम करता है। इस बारे में बता रहे हैं, आर पी पुष्कर, एक्युप्रैशर विशेषज्ञ

एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ सलाह
इस बारे में बता रहे हैं, आर पी पुष्कर, एक्युप्रैशर विशेषज्ञ बता रहे हैं कि अगर आप घर पर एक्यूप्रैशर करना चाहते हैं, तो आप गुलाब, मेथीदाना, काली मिर्च के दाने और मटर के दानों से भी जा सकते हैं। इसमें इन दानों को आपके डॉक्स के टिप्स पर अटैच टेप से बांध दिया जाता है, जिससे कुछ ही शिकायतों में आपको समस्या आने लगती है। जरा इससे तत्काल राहत मिल जाती है। ऑनलाइन इलाज कर सकते हैं।

एक्यूप्रेशर के केंद्रबिदूं क्या है
भागदौड़ से भरी इस जिंदगी में एक्यूप्रेशर परेशानी से दूर रहने का एक वैकल्पिक उपाय है। शरीर की जांच के बाद एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डाला जाता है ताकि रक्त का संचार नियमित हो और उस परेशानी से राहत मिल सके। ये पॉइंट्स पैर, टैंगो, पीठ, पेट और शरीर के सभी अंगों में होते हैं। पूरे शरीर में एक्यूप्रेशर के 300 से ज्यादा प्वाइटस होते हैं। मरीज की स्थिति के अनुसार एक्यूप्रेशर थेरेपी को अंजाम दिया जाता है। इन प्वाईट्स को 5 से लेकर 10 मिनट तक रिकॉर्ड किया जाता है। वास्तव में, विशेषज्ञ हाथों और अंगुलियों को एक्यूप्रेशर का केंद्रबिदूं मानते हैं। हाथों की कड़ी और कलाई के अलावा निशान की रेखाओं में भी वेएटस होते हैं, जिनकी आवश्यकता के अनुसार दर्द निवारण के लिए उपयोग किया जाता है।

एक्यूप्रेशर के फायदे
एक्यूप्रेशर से संपूर्ण शरीर को आराम मिलता है। चित्र: एक्सपोजर

इसके फायदे जानें

तनाव मुक्त रखने में सहायक
भागदौड़ से भरी इस जिंदगी में तनाव होना एक आम बात है। मगर एक्यूप्रेशर की मदद से आप शारीरिक और मानसिक तनाव से दूर रहते हुए अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं। एक्यूप्रेशर आपके शरीर को शांति और विचार प्रदान करता है। साथ ही मासपेशियों में आने वाले खिचाव से भी राहत मिलती है।

सर्दी जुकाम से राहत
श्वसन रोग यानी जुकाम और साइनस में आपको सांस लेने में तकलीफ होती है। ऐसे में एक्यूप्रेशर पाइटस पर जाने वाले भ्रम से आपके श्वसन मिश्रण से दूर होने का कारण सुनिश्चित होता है। इसके अलावा रात के मौसम में होने वाली परेशानी में भी एक्यूप्रेशर एक वरदान साबित होता है।

दर्द को करे दूर
चाहे सिरदर्द हो, कमर दर्द हो या फिर गर्दन में दर्द हो। आप हर जगह एक्यूप्रेशर का उपयोग कर सकते हैं। आप एक हफ्ते में अगर तीन दिन भी एक्यूप्रेशर के सिटिग्स ले रहे हैं तो आपको अपने अंदर का बदलाव दिखेगा। 40 के पार होते ही महिलाओं को अक्सर साइटिका का पेन रहता है, जिससे वे हर दिन के काम को पूरा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट की सलाह से आपको दर्द से राहत मिलती है। एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट के बताए तरीके से आप घर पर भी उपचार कर सकते हैं।

रोग संबंधी क्षमता
इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से आप अपनी रोग संबंधी क्षमता को भी बढ़ा सकते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि प्रतिरक्षा प्रणाली हमें कई निर्दिष्ट से एक अभिलेख की तरह है। ऐसे में इलेक्ट्रोलाइट को इलेक्ट्रोलाइट बनाने के लिए सक्यूप्रेशर एक नाम उपाय है, जो आपको निर्धारण से डायरेक्ट करता है। प्रभावित अंगों के रेफ्लेक्स पाइटस को दर्द और कष्टप्रद स्पर्श मंतर से दवाई दी जाती है। एक ही शरीर के साथ अन्य बीमारियों से लड़ने के लिए भी तैयार हो जाता है।

एक्यूप्रेशर सहयोग में समझौता
पेट से जुड़ी समस्या और उल्टी के लिए पेरिकार्डियम एक्यूप्रेशर वायाट जोखिम है। जो कलाई से तीन ईच की दूरी पर होती है।
सिरदर्द और आंखों में होने वाले दर्द से राहत के लिए रिलैक्सेशन पाए गए को थपना लाभ हो सकता है, जो दोनों आइब्रो के बीच में होता है।
शरीर की सूजन को कम करने के लिए नाभि से दो उंगली उपर की ओर एक पाई जाती है, जिससे पूरा शरीर डिटॉक्सिफाई हो जाता है।
यदि आप वेटलॉस की तैयारी कर रहे हैं, तो नाभि से दो ईच नीचे की ओर बने पाएट पर एक्यूप्रेसर करें।

एक्यूप्रेशर
एक्यूप्रेशर लाभ उसी के अनुरूप है। चित्र:शटरस्टॉक

एक्यूप्रेशर सतर्क रहते हैं

यदि आप बुखार से ग्रस्त हैं, तो एक्यूप्रेशर करने से बचें।
ऋतुओं के दिनों में पेट के निचले हिस्से में बने एक्यूप्रेशर पिट्स को न दबाएं।
कोई भी मील लेने के एकदम बाद एक्यूप्रेशर न करें। खाने के एक से दो घंटे बाद ही एक्यूप्रैशर करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर बढ़ने और घटने के समय पर एक्यू प्रेशर करना उचित नहीं है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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