हमें सेक्सुअल और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के बारे में बहुत कुछ बताया जाता है लेकिन प्लेजर या ऑर्गेज्म के बारे में लोग अभी भी फ्रैंक बात नहीं कर सकते। बात जब महिलाओं के ऑर्गेज्म की आती है तो वे खुद इस बारे में बात करने में संकोच महसूस करती हैं। इसमें कोई बात नहीं होने वाली है।
ज्यादातर महिलाओं को क्लीटोरिस स्टिम्युलेट करने से ऑर्गेज्म प्राप्त होता है। लेकिन आप क्लिटोरिस के बारे में क्या कुछ जानते हैं? कई महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिनमें क्लिटोरिस के बारे में बहुत कम जानकारी होती है। तो आज शॉट के साथ क्लीटोरल से जुड़ें कुछ जरूरी फैक्ट्स (क्लाइटोरिस एनाटॉमी)। इस विषय पर खुल कर बात करें और अपने प्लेजर को इंजॉय करें।
हमने इसके बारे में वॉकहार्ट हॉस्पिटल, मुंबई में प्रसूति एवं गायनीकॉलोजिस्ट डिपार्टमेंट में कंसल्टेंट डॉ. गंधली देवरुकर पिल्लई से बातचीत की। तो जानिए इस पर क्या कहते हैं डॉक्टर।
भगशेफ क्या है?
क्लिटोरिस वेजिना का एक हिस्सा है और प्लेजर में सेक्स के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप इसके बाहरी हिस्से को पहचान सकते हैं, जो लीबिया के शीर्ष के पास मटर के दाने के आकार में नया दिखता है।
क्लिटोरिस कहाँ होता है?
क्लिटोरिस वल्वा के शीर्ष पर लोकेटेड है। वल्वा आपके इंटिमेट भागों के बाहरी हिस्सों को संदर्भित करता है, जिसमें योनि, क्लिटोरिस, लैबिया (योनि के चारों ओर त्वचा की परेशानी), और यूरिनरी ट्रैक (जहां से प्राथमिकताएं शामिल हैं) शामिल हैं।
एक्सटर्नल एना टॉमी
भगशेफ यानी क्लिटोरिस के बाहर, क्लिटोरल हुड जो कि त्वचा है, जो ग्लान्स को कवर और संरक्षित करता है। ग्लान्स एक छोटी सी संरचना है जो डोर्सल नर्व (जो शरीर के अंदर होती है) के माध्यम से आपको यौन उत्तेजित करती है।
इंटर्नल एना टॉमी
भगशेफ आपकी सोच से कहीं अधिक बड़ा हो सकता है। नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार यह पंक्ति 9 से 11 में ट्रंक है और इसका अधिकांश हिस्सा शरीर के अंदर है। बॉडी, क्रुरा और वेस्टिबुलर बल्ब यह सभी क्लिटोरिस आंतरिक भाग हैं।
यहां क्लिटोरिस से जुड़े कुछ जरूरी फैक्ट्स हैं
1. क्लिटोरिस में विभिन्न नर्व होते हैं
वल्वा के सभी अन्य हिस्सों में क्लिटोरिस में सबसे अधिक नर्व होते हैं जो इसे अधिक संवेदनशील बनाते हैं। अनुसंधान में सामने आया कि क्लिटोरिस ग्लान्स लगभग 8000 नर्व एंडिंग होते हैं, इसलिए इसे प्लेजर का पावरहाउस कहा जाता है।
2. हर किसी की क्लिटोरिस अलग-अलग होती है
प्रत्येक महिला को सेटिसफेक्शन महसूस करने के लिए अलग-अलग तरह के उत्साह की आवश्यकता होती है, जो उनके अनूठे जीव विज्ञान पर निरंतर करता है। क्लिटोरिस संवेदनशील है इसका मतलब यह नहीं है कि हर कोई इसे सीधा उत्तेजित करना चाहता है, कुछ महिलाएं लाइव क्लिटोरिस को छूने की जगह इसके आसपास के क्षेत्र को छू कर खुद को उत्तेजित करती है।
3. क्लिटोरिस उम्र के साथ बढ़ सकता है
हालांकि, आपके क्लिटोरिस का आकार आपके यौन जीवन को प्रभावित नहीं करता है। आपके स्क्रीनशॉट में क्लिटोरिस के आकार में बदलाव आ सकता है। रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोन के स्तर में बदलाव के कारण कई लोगों की क्लिट बढ़ सकती है। यदि समय के साथ आपके भगशेफ के आकार में कुछ अंतर दिखाई देता है, तो चिंता न हो।
4. क्लिटोरिस इरेक्ट भी हो सकता है
यदि आप इरेक्शन की बात कर रहे हैं, तो केवल लिंग ही नहीं बल्कि क्लिटोरिस भी इरेक्ट हो सकता है। हो सकता है कि आपने इसे कभी नोटिस न किया हो लेकिन यदि आप इसे ऑबजर्व दर्जा देते हैं तो ऐसा महसूस कर सकते हैं। यह तब होता है जब रक्त से भर जाने के दौरान वैस्टिबुलर बल्ब कामोटेजना भर जाता है। ब्लड तब तक रहता है जब तक कि इसे ऑर्गेज्म के माध्यम से जारी नहीं किया जाता है।
5. क्या क्लिटोरिस ही असल जी स्पॉट है
हम सभी ने कभी न कभी स्पॉट के बारे में जरूर सुना होगा। यह क्लिटोरिस का एक हिस्सा है। जी स्पॉट वैजाइना के अंदर होता है, जिससे महिलाओं को ऑर्गेज्म प्राप्त करने में मदद मिलती है। जर्नल ऑफ सेक्स एंड मैरिटल थेरेपी प्रकाशित रिसर्च के माने तो इंटरकोर्स के दौरान बहुत कम महिलाएं ऑर्गेजम तक पहुंचती हैं।
अध्ययन में देखा गया कि वेजाइनल इंटरकोर्स से केवल 6% महिलाओं ने ही ऑर्गेज्म प्राप्त किया। वहीं दूसरी स्टडी में 18% महिलाओं ने ऑर्गेज्म के दौरान वेजाइनल इंटरकोर्स का अनुभव किया। लेकिन इसकी वजह से हुई दूसरी स्टडी के मुताबिक जिन महिलाओं ने क्लिटोरिस स्टिमम्यूएशन के दौरान वेजाइनल इंटरकोर्स किया, उनमें से 70% महिलाओं ने ऑर्गेज्म प्राप्त किया।
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