ट्रेंड के लाइफस्टाइल में साइकोलॉजिकल स्ट्रेस (मनोवैज्ञानिक तनाव) एक आम समस्या बन गई है। आबादी का एक बड़ा हिस्सा स्ट्रेस (तनाव) का शिकार है। तनावग्रस्त लोगों के ऊपर इस कदर का प्रभुत्व समाप्त हो गया है कि अब यह उनके नियमित जीवन का हिस्सा बन गया है। लोगों को अब तक लगता है कि तनाव (तनाव), एंजाइटी (चिंता), अवसाद (अवसाद) केवल मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों में हैं। लेकिन शायद आप यह नहीं सोचते कि ये आपकी त्वचा और बालों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। स्ट्रेस न केवल दिल से जुड़ी समस्या, हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) और मेमोरी लॉस का कारण बनता है, बल्कि यह बालों के झड़ने का भी एक बड़ा कारण है।
आज हम बात करेंगे स्ट्रेस (तनाव) और बालों के झड़ने (बालों के झड़ने) के बारे में। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी बाल झड़ने की समस्या से काफी परेशान हैं। कुछ लोग इसे अनजान बना देते हैं। जबकि कुछ लोग इसके लिए अपने बालों पर हजारों रुपये के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। मगर उपचार से बचाव हमेशा बेहतर होता है। इसलिए जरूरी है कि हेयर फॉल का इलाज करने की वजह से समझें और रेस्क्यू करने की दिशा में कदम उठाएं।
तो आइए जानते हैं कि वास्तविक साइकोलॉजिकल (मनोवैज्ञानिक तनाव) स्ट्रेस किस तरह हेयर फॉल (बाल झड़ना) का कारण बनता है (मनोवैज्ञानिक तनाव और बाल झड़ना)। साथ ही जानेंगे इससे बचाव के कुछ महत्वपूर्ण और प्रभावी उपाय।
इन 3 कारणों से तनाव में झड़ते हैं बाल
हेल्थ व्यूज ने इसके बारे में हिमाचल की डेजलिंग ब्यूटी एंड स्पा के संस्थापक और हेयर एंड स्किन विशेषज्ञ अमिता पठानिया से बातचीत की। उन्होंने तनाव और बाल झटकने के संबंध में कुछ जरूरी जानकारी शेयर की है। जेनेक्स जानते हैं कि किस तरह के स्ट्रेस से बालों की सेहत प्रभावित होती है।
1. टेलोजेन एफ्लुवियम (Telogen Effluvium)
आपका नियमित तनाव Telzen एफ्लुवियम को बढ़ावा देता है। इस समस्या में अधिक तनाव होने से एक बड़ी संख्या में हेयर फॉलिकल्स रेस्टिंग फेज में चले जाते हैं। हेयर क्रिएट को बढ़ावा देने वाले एक्टिविटी हेयर फॉलिकल्स की संख्या में बदलाव होने के कारण हेयर लॉस होता है। इस स्थिति में जब आप बालों में कंघी करती हैं, या बालों को धोती हैं, तो काफी ज्यादा बाल टूटते हैं।
इस स्थिति में स्कैल्प का सेंटर सबसे अधिक प्रभावित होता है और बाल स्थान- स्थान से टूटना शुरू हो जाते हैं, जिसकी वजह से स्कैल्प पर ट्रेडमार्क नजर आते हैं। इसके साथ ही इब्रो और प्यूबिक एरिया के बालों का झड़ना भी शुरू हो जाता है। यह समस्या अधिक तनाव के कारण होती है और किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।
2. एलोपेशिया एरीटा (एलोपेसिया एरीटा)
एलोपेशिया एरिटा एक प्रकार का ऑटोइम्यून डिजीज है। आपका मानसिक तनाव सक्रियण को कमजोर कर देता है। वहीं एक कमजोर तंत्र सीधे बालों के रोम पर हमला करता है। जिसकी वजह से बालों के झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति में स्कैल्प पर दस्तावेजों की निगरानी शुरू हो जाती है।
इसके अलावा कई बार स्कैल्प पूरी तरह से खाली हो जाता है। जब आपका तनाव कम हो जाता है तो एक उचित मात्रा के बाद बाल वापस से बढ़ जाते हैं। हालांकि यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।
3. ट्राइकोटिलोमेनिया (ट्राइकोटिलोमेनिया)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार ट्राइकोटिलोमेनिया को हेयर पुलिंग डिसऑर्डर कहते हैं। बाल झड़ने की ये समस्या अधिक तनाव में रहने की वजह से होती है। अधिक तनाव में रहने के कारण व्यक्ति अपने सिर के बालों से लेकर शरीर के अन्य अंगों से बालों को खींचना शुरू कर देते हैं।
इसे इंपल्स कंट्रोल डिसऑर्डर कहते हैं। इससे बड़ी संख्या में बाल झड़ते हैं। बार-बार बालों को ड्रैस की वजह से बाल जड़ से कमजोर होते हैं। काफी हद तक
ज्यादा बाल झड़ते हैं।
स्ट्रेस हेयर फॉल को रोकने के लिए खास प्रोडक्ट्स की जगह यह टिप्स मदद करेंगे
सबसे जरूरी है स्ट्रेस बरसाना
यदि तनाव के कारण आपके बाल झड़ रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में सबसे जरूरी है स्ट्रेस क्रिएट करना। इसके लिए आप अपनी सुविधानुसार अजीब विकल्पों का चयन कर सकते हैं। नियमित रूप से व्यायाम करें, योगा, मेडिटेशन, ब्रीडिंग एक्सरसाइज जैसी रिलैक्सिंग तकनीक से आपको राहत मिलेगी। वहीं अपने पसंदीदा कार्यों को करने में नींद बताता है। यदि आपका स्ट्रेस कंट्रोल में रहेगा तो हेयर फॉल जैसी बीमारियां आपको परेशान नहीं करेंगी।
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शरीर को आवश्यक पोषक तत्व देना जरूरी है
अपने आहार में आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त पदार्थों को शामिल करें। स्ट्रेस करने के साथ ही बालों की सेहत को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है विटामिन सी। यह कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है और बालों के झड़ने के लिए काफी लाभदायक होता है। विटामिन सी युक्त फल, ब्रोकली, पैपर काली मिर्च, स्ट्रोबरी आदि को डाइट में शामिल करें।
विटामिन बी युक्त खाद्य पदार्थ भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये मेटाबॉलिज्म को प्रोटोकॉल करते हैं और त्वचा, स्कैल्प और बालों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। हरे पत्तेदार निर्दिष्ट, ब्रोकली, रोलिंग्स, लाइट और एवोकाडो में भरपूर मात्रा में विटामिन बी पाया जाता है।
विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है और ये स्कैल्प की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। शरीर में विटामिन ई की उचित मात्रा को बनाए रखने के लिए सनफ्लावर सीड्स, पालक, जैतून का तेल, एज जैसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।
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