हाल ही में एक खबर सामने आई जिसने सभी को परेशान कर दिया। खबर मध्य प्रदेश के उल्हासनगर से आई। जहां एक लड़की को पहली बार बुखार हुआ और उसके भाई ने उसके कपड़ों पर खून (पीरियड का खून) लगाते हुए उसे पीट-पीट कर मार डाला। लड़के को लगा कि उसकी बहन का किसी के साथ अफेयर है और उसने पहली बार सेक्स (पहली बार सेक्स) किया है जिसके बाद उसके कपड़ों पर खून लग गया।
इस खबर ने सभी को शर्मिंदा किया और हमें सोचने पर मजबूर कर दिया कि यौन शिक्षा (यौन शिक्षा) के मामले में हमारा समाज कितना पिछड़ा हुआ है। आज भी हम अपने देश के लड़के-लड़कियों को पीरियड और सेक्स जैसी बुनियादी चीजों के बारे में नहीं सीख पाए हैं। आज देश चांद पर तो पहुंच गया है, लेकिन सोच को अभी तक बहुत निचले स्तर पर है।
वैजाइना (वैजाइना), वर्जिनिटी (वर्जिनिटी) और सेक्स (लिंग) को लेकर अब भी ढेर सारे सारे ब्लॉग और मिथक समाज में हैं, जिन्हें तोड़ना जरूरी है। इसके लिए हमने बात की डॉ. पूजा दीवान से। डॉ पूजा विशेषज्ञ रोग और टेस्ट ट्यूब बेबी स्पेशलिस्ट होने के साथ-साथ अपोलो दिल्ली और आर्केडी वीमेन हेल्थ केयर एंड फर्टिलिटी के डायरेक्टर हैं।
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यहां जानिए सीक्वेंस, सेक्स और ऑर्गेज्म से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई
1 मिथ – पिता और भाई के बारे में सीक्वेंस के बारे में बात नहीं करनी चाहिए!
तथ्य : सेक्स एजुकेशन बॉय हो या गर्ल दोनो को एक समान होना चाहिए ताकि इस विषय को लेकर कोई टैबू न बने। पेरीड बायोलॉजिकल है और एक महिला के जीवन का हिस्सा है। परियड के बारे में सिर्फ मां को ही नहीं पिता को भी बात करनी चाहिए। ताकि किसी लड़की के आने पर किसी लड़की की जान न जाए।
2 मील – रक्तस्राव होना कौमार्य भंग होने की निशानी है!
तथ्य : ये बिल्कुल भी सच नहीं है कि जब आप पहली बार सेक्स करेंगे तो ब्लीडिंग होगी क्योंकि हाइमन फटेगा। हाइमन फटने पर हर बार ब्लीडिंग नहीं होती है। हाइमन केवल सेक्स से नहीं हटता है बल्कि खेल, व्यायाम, साइकिलिंग जैसी चीजों से भी फटता है।
3 मिथ – हाइमन फटने का मतलब वर्जिनिटी खोना है।
तथ्य – वर्जिनिटी को पकड़े का पमाना अभी तक किसा को पास नहीं है और हाइमन का न होना या होना ये बिल्कुल नहीं बताता है कि आप वर्जिन हैं या नहीं। क्योंकि हाइमन कई शारीरिक गतिविधियों जैसे खलना, एक्सरसाइज करना या टैंपून लगाने से।
4 मिथ- टाइट वैजाइना वर्जिनिटी का संकेत है
तथ्य – ऐसा माना जाता है कि वैजाइना इतना टाइटी होगा वो इस बात का संकेत होगा कि आप सेक्सुअली एक्टिविटी नहीं है। लेकिन ये धारणा गलता है उम्र के साथ वेजाइना अपनी इलास्टिसिटी को खोता है। इसलिए ये गलत है कि सेक्स करने से वेजाइना टूट जाती है।
5 मिथ – सिर्फ आवारा लड़कियों का चेहरा हट जाता है!
तथ्य – यह बहुत ही लैटेरी साच को भिन्न है। वेजीना को क्लीयर-सुथरा और सुखाने के लिए प्यूर्बिक बालों को हटाया जा सकता है। हालांकि अगर आप इन्हें नहीं हटाना चाहते हैं, तो आप इन्हें ट्रिम कर सकते हैं।
हालांकि वेजाइना को साफ करने के लिए प्यूबिक बालों को हटाना अनिवार्य नहीं है। वैजाइना अपनी सफाई खुद ही करती है। मगर यह किसी लड़की के खाते का अकाउंट भी नहीं है।
6 मिथ – ऑर्गेज़्म केवल पुरुषों के लिए है
तथ्य : ऐसा माना जाता है कि सेक्स में सिर्फ पुरुषों का चरमोत्कर्ष ही होता है। महिलाओं के ऑर्गेज़म के बारे में कोई बात नहीं करता है। पुरुषों के लिए सेक्स में ज्यादा ऑर्गेज्म जरूरी है उतना ही महिलाओं के लिए भी जरूरी है।
7 मिथ- सिर्फ पेनिट्रेशन से ही महिलाओं को ऑर्गेज्म मिलता है!
तथ्य – यह बिल्कुल हलत धारणा है कि पुरुषों को पीनस से ऑर्गेज्म होता है, तो महिलाओं को वेजाइना से होता होगा। हर महिला को वेजाइना से आर्गेज्म नहीं होता। जबकि हकीकत यह है कि महिलाओं को कई तरह के ऑर्गेज्म होते हैं जैसे कि क्लिटोरल, वेजिनल और कॉम्बिनेशन ऑर्गेज्म।
8 मील – जब तक स्पर्म बोध न हो, महिलाओं को ऑर्गेज्म नहीं मिलता।
तथ्य – कुछ पुरुष कंडोम का इस्तेमाल न करने के लिए इस तरह के कुटक देते हैं। जबकि यह किसी भी महिला के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इससे न सिर्फ गर्भावस्था का जोखिम बढ़ता है।
यदि आप गर्भनिरोध के अन्य विकल्पों का उपयोग कर रहे हैं, तब भी शुक्राणु को योनि के अंदर बनाए रखने का कारक हो सकता है। स्पर्म का पीएच एल्कलाइन है और वजाइना का पीएच एसिडिक है। ऐसे में शुक्राणु योनि में जाने से संक्रमण हो सकता है।
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