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महिलाएं प्रेग्नेंसी लेकर ज्यादातर काफी ज्यादा गतिशील एवं सक्रिय रहती हैं। सेलेन्स से प्रेग्नेंसी को लेकर कई ऐसी अवधारणाएं आ रही हैं जो महिलाओं के मन में बैठी हुई हैं। जिसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। अन्यथा इस वजह से कई महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान अपने जीवन को काफी हद तक सीमित कर लेती हैं। वहीं कई महिलाएं कुछ ऐसी गलतियां कर देती हैं जो उनके और उनके बच्चे की सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले प्रेग्नेंसी से जुड़े कुछ मिथक और इनसे जुड़े सवालों को लेकर सही जानकारी प्राप्त करना जरूरी है।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हम मैत्री वुमन के संस्थापक, सीनियर कंसल्टेंट सिंगोकोक और ऑब्स्टेट्रिशियन डॉक्टर अंजली कुमार से प्रेग्नेंसी मिथ को लेकर महिलाओं द्वारा सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों के बारे में संकेत प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण जानकारियां देते हुए काफी सारे मिथकों को गलत बताया है। तो ज़ीज़ जानते हैं कि आम तौर पर महिलाओं के मन में क्या सवाल रहते हैं इसके पीछे की सच्चाई।
1. क्या घी खाने से सामान्य गुस्से में मदद मिलती है
अंजलि कुमार बताती हैं कि यह एक ऐसा सवाल है जो लगभग सभी गर्भवती महिलाओं द्वारा पूछा जाता है। परंतु आपको बताएं कि घिसाव और सामान्य शिकायत का आप में कोई संबंध नहीं है। घिसने वाले खाने से आपको कभी भी सामान्य गुस्सा नहीं आता।
सामान्य रूप से बच्चे के आकार, आपकी श्रोणि के आकार और गर्भावस्था के दौरान आपकी शारीरिक गतिविधियों पर पूरी तरह से निर्भर करता है। वहीं अगर आप जरूरत से ज्यादा घिसाव का सेवन करती हैं, तो यह आपके और बच्चे का वजन बढ़ा सकता है, जिस वजह से शिकायत होने के दौरान समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए प्रेग्नेंसी के दौरान सेहत को ध्यान में रखते हुए एक सामान्य मात्रा में घी का सेवन करें।

2. क्या विटामिन ई और कोकोआ बटर का इस्तेमाल स्ट्रेच मार्क से किया जाता है
अंजलि कुमार बताती हैं कि अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं स्ट्रेच मार्क से बचाव के लिए अलग-अलग तरीके ढूंढती रहती हैं। विटामिन ई और कोकोआ बटर लगाने की सलाह दी जाती है।
परंतु आपको बताएं कि गर्भावस्था के दौरान कोई भी क्रीम या घरेलू नुस्खों को पेट पर लगाने से स्ट्रेच मार्क्स को नहीं रोका जा सकता है। कुछ लोगों को स्ट्रेच मार्क ज्यादा तो कुछ लोगों को कम होते हैं। यह पूरी तरह से आपकी तरह की त्वचा और बच्चे के आकार पर निर्भर करता है।
3. क्या प्रेग्नेंसी में व्यायाम करना सुरक्षित है
डॉक्टर के मुताबिक प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज करना पूरी तरह से सुरक्षित है। इससे आपको मदद मिलती है। हालांकि, कितना इंटेनसिटी की एक्सरसाइज करता है और कौन सी एक्सरसाइज कब करता है इसके बारे में अपने फिटनेस एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। लेकिन ऐसा नहीं है कि प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने से कोई नुकसान नहीं होता है।
4. प्रेग्नेंसी के दौरान सी फूड का सेवन करना चाहिए
डॉक्टर बताते हैं कि ऐसी कई गर्भवती महिलाएं हैं जो प्रेग्नेंसी के दौरान सी फूड के सेवन को लेकर कंफ्यूज रहती हैं। तो आपको बताएं कि प्रेग्नेंसी में सी फूड का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है, जो बच्चों के दिमाग के लिए काफी फायदेमंद होती है।
इस बात का ध्यान रखें कि जिस मछली का सेवन आप कर रहे हैं, उसमें मरकरी की मात्रा मौजूद नहीं है। इसके साथ ही जिस तरह के सीफूड का चलन है, उसे पूरा खाना देना जरूरी है।

5. प्रेग्नेंसी में हमें ज्यादा खाना खाने की जरूरत होती है
डॉक्टर के मुताबिक उनकी ज्यादातर प्रेग्नेंट क्लाइंट ने यह सवाल जरूर पूछा है। हालांकि, यह बिल्कुल सही है कि आप अपने और बच्चे की सेहत का ध्यान रखते हुए खाना खाना है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको 2 लोगों के बराबर खाने की जरूरत है। गर्भावस्था में 450 से 500 कैलोरी से अधिक भोजन करने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है।
6. स्पाइसी फूड खाने से लेबर पेन शुरू हो जाता है
इस पर डॉ का कहना है कि यदि लेबर पेन होना इतना आसान होता है तो सभी अपने हिसाब से नॉर्मल गुस्सा कर सकते थे। वहीं यह एक बहुत बड़ा मिथक है। स्पाइसी फूड का सेवन आपको एसिडिटी, गैस और हार्टबर्न जैसी स्थिति से ग्रसित कर सकता है। इसलिए ऐसी दुर्घटना में फंसाने से बचें।
7. प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करना सुरक्षित है
यदि आपकी प्रेग्नेंसी बिल्कुल सामान्य है, तो आप शुरुआत के कुछ महीनों में सेक्स कर सकते हैं। लेकिन पिछले 3 महीनों में सेक्स से पूरी तरह परहेज करें। वहीं यदि गर्भावस्था में किसी प्रकार की कॉम्प्लिकेशंस है, तो डॉक्टर की सलाह लें और सेक्स से परहेज की कोशिश करें।
अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स कर रही हैं, तो कुछ झलकियां जरूरी हैं। जैसे कि ज्यादा रफ़ सेक्स करने से बचें, वहीं पेनिट्रेशन को भी सामान्य रखें, साथ ही पोजीशन का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है।
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8. क्या प्रेग्नेंसी में लंबे समय तक रहने से बेबी ब्रीच पोजीशन में बदल जाता है
यदि आप ब्रीच पोजीशन के बारे में नहीं बताते हैं तो आपको बताएं कि सामान्य रूप से बच्चे का सिर नीचे की ओर होता है मतलब की वजाइना की ओर लेकिन कुछ गर्भावस्था के मामलों में बच्चे का सिर ऊपर की ओर होता है यानी कि मां के सीने की ओर । इसे हम ब्रीच पोजीशन कहते हैं।
हालांकि, ऐसा सिर्फ बैठने की वजह से नहीं होता। यह कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है। जैसे कि बच्चे का आकार, मां के पेल्विस का आकार, पेसेन्टल पोजीशन। प्रेग्नेंसी में दिन भर बैठे रहना भी काफी अनहेल्दी हो सकता है। इसी तरह, चलते और अन्य गतिविधियों में भाग लेते हैं।
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