लेटेस्ट न्यूज़

यहां 5 प्रकार के खाद्य पदार्थ हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं।- ये 5 तरह के खाद्य पदार्थ बढ़ा सकते हैं कैंसर का जोखिम।

प्रतिदिन कैंसर के आंकड़े बढ़ रहे हैं। मान रहे हैं कि तकनीक काफी आगे बढ़ चुकी है और कैंसर रिकवरी के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। लेकिन ऐसी कई अस्वास्थ्यकर जीवनशैली है, जिसकी वजह से लोग कैंसर के शिकार बन रहे हैं। धूम्रपान, तंबाकू, गैर-कानूनी रवैया, शारीरिक स्थिरता, असुरक्षित सेक्स से लेकर कई ऐसी अन्य परतें हैं जो लोगों को कैंसर के करीब ले जा रही हैं। वहीं भारत में आज भी कई ऐसे पिछड़े वर्ग हैं, जिनमें स्वास्थ्य संबंधी उचित जानकारी न होने से कैंसर का खतरा बना रहता है।

ऐसे में लोगों तक उचित जानकारी पहुंचने के लिए हर साल 4 फरबरी को विश्व कैंसर दिवस (विश्व कैंसर दिवस) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन कैंसर से जूडी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है। ठीक प्रकार से विश्व कैंसर दिवस के पोस्टर पर आज हेल्थशॉट्स भी अपनी और से एक छोटी सी जानकारी साझा करना चाहता है। आज हम बात करेंगे ऐसे 5 तरह के खाद्य पदार्थों के बारे में जिनके अधिक सेवन से कैंसर के सम्भावना को बढ़ाया जाता है। तो अजीम जानते हैं कि कौन से खाद्य पदार्थ हैं, साथ ही यह जानेंगे कि ये किस तरह के होते हैं।

कैंसर के आंकड़े क्या हैं

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कैंसर को लेकर प्रकाशित एक डेटा को लेकर दुनिया में ब्रेस्ट, लंग्स, कॉलने, रेक्टम और प्रोस्टेट कैंसर के आंकड़े सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं। वहीं यदि भारत की बात करें तो लंग्स, ओरल, ब्रेस्ट, सर्विकल और निशान कैंसर लोगों को सबसे अधिक जयदा प्रभावित करता है।

वहीं यदि सबसे खतरनाक कैंसर की बात करें तो हर प्रकार का कैंसर एक समय में मर जाता है। यदि सही समय पर इलाज न किया जाए तो किसी भी प्रकार का कैंसर पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु का कारण बन सकता है। यदि आंकड़ों की बात करें तो दुनिया में आमतौर पर लंग्स के कैंसर से सबसे ज्यादा मौत होती है। इसके बाद कोरोरेक्टल, ब्रेस्ट, पेनक्रिएटिक और प्रोस्टेट कैंसर से मृत्यु होने का कारण बनता है। वहीं भारत में सर्वाइकल कैंसर से सबसे ज्यादा मौत होती है।

क्यों होता है विश्व कैंसर दिवस
यह दिन सचेत करने के लिए मनाया जाता है। चित्र : उजागर करें

यह भी पढ़ें : विटामिन बी 12 की कमी भी हो सकती है आपके चिड़चिड़ेपन के लिए जिम्मेदार, समझिए इस जरूरी विटामिन का महत्व

विश्व कैंसर दिवस 2023 (विश्व कैंसर दिवस 2023)

हर साल 4 फरवरी के दिन यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल द्वारा विश्व कैंसर दिवस (विश्व कैंसर दिवस) मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत 1993 में हुई थी। इस दिन अलग-अलग प्रकार के अभियान और कार्यक्रम के लोगों द्वारा कैंसर से जुड़ी जरूरी जानकारी पहुंचाने की कोशिश की जाती है। वहीं इसका प्राथमिक उद्देश्य लोगों के बीच उचित जागरूकता फैलाते हुए कैंसर के बढ़ते आंकड़ों को नियंत्रित करना है। वहीं इस साल कैंसर दिवस की थीम (वर्ल्ड कैंसर डे 2023 थीम) “क्लोज दी केयर गैप” (क्लोज दी केयर गैप) रखी गई है। इस थीम का उद्देश्य दुनिया भर में कैंसर की देखभाल के लिए हमेशा अपने प्रियजनों को समझना और उनके बारे में है।

यह 5 तरह के खाद्य पदार्थ बढ़ाते हैं कैंसर का खतरा

1. बताई गई बैठकें

तयशुदा मीट को बनाने में स्मोकिंग, सोल्डिंग, कैनिंग आदि का प्रयोग होता है। ऐसे में इसे बनाने का तरीका कार्सिनोजेन फॉर्म करता है। जो कि स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा 2019 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार प्रोसेस्ड मीट के सेवन से कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा बना रहता है। वहीं एक अन्य अध्ययन के अनुसार इसका प्रचलन पेट के कैंसर का कारण बनता है। इसलिए ही नहीं प्रकाशित मेड द्वारा 2018 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।

2. जरूरत से ज्यादा खाना

ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो अधिक खाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा 2020 में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार हाई हीट पर ओवरकुक करने से कार्सिनोजेनिक पीएएच और हेटेरोसाइक्लिक एमिनेस बनते हैं। वहीं इस प्रकार के सबस्टेंस डीएनए कोशिकाओं को प्रभावित करते हुए कैंसर की संभावना को बढ़ावा देते हैं। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा प्रकाशित डेटा के अनुसार पोटाटो को ओवरकुक करने से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

हानिकारक है अत्यधिक कार्ब
आपके लिए खतरनाक है ट्रेन से ज्यादा कार्ब। चित्र: एक्सपोजर

यह भी पढ़ें : World Cancer Day 2023: मुंह में छाले या नीचा दिखाना हो सकता है मुंह के कैंसर का संकेत

3. शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट

एडेड शुगर और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का अधिक सेवन से कैंसर के खतरे बढ़ जाते हैं। इन खाद्य पदार्थों में शामिल हैं बेक किए हुए पोषक पदार्थ, वाइट ब्रॉड, वाइट राइस, सॉफ्ट ड्रिंक आदि। वहीं जरूरत से ज्यादा खाने वाले पदार्थों के सेवन से होने का खतरा बना रहता है, ऐसे में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा 2019 में किए गए समलैंगिक अध्ययनों के अनुसार शाकाहारी प्रवासी, यूटेराइन और ब्रेस्ट कैंसर के खतरे बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही प्रकाशित मेडिकल सेंट्रल द्वारा 2017 में प्रकाशित अध्ययनों में भोजन की आवश्यकता से अधिक शुगर और कार्बोहाइड्रेट लेने से ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। जो कोलोरेक्टल कैंसर का कारण बन सकता है।

4. शोधन

पब मेड सेंट्रल द्वारा 2017 में किए गए अध्ययन के अनुसार पेय पीने के बाद आपका लीवर इसे एक प्रकार के कार्सिनोजेनिक कंपाउंड में तोड़ देता है। वहीं यह कंपाउंड डीएनए को डैमेज करता है साथ ही ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ावा देता है। जिस कारण से कैंसर की संभावना बनी रहती है। वहीं शराब के सेवन से महिलाओं के शरीर में दरार के स्तर बढ़ जाते हैं। जिसके कारण स्तन कैंसर की संभावना बनी रहती है।

डेयरी उत्पादों के नुक्सन
कैंसर का कारण बन सकता है ट्रेन से ज्यादा दायरे उत्पादों का चलन। चित्र : उजागर करें

5. क्षेत्र उत्पाद

दूध, दही और योगर्ट जैसे डेहरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवन प्रोस्टेट कैंसर की संभावना को बढ़ाता है अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन द्वारा 2014 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से डेहरी प्रोडक्ट्स कि सेवन से शरीर में लाइन्स की मात्रा बढ़ जाती है और जिसकी वजह से प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ जाता है और प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना लंबे समय तक बनी रहती है। इसलिए इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन हमेशा एक सीमित मात्रा में ही करें। उनकी अधिकता न केवल कैंसर का खतरा है, बल्कि पाचन क्रिया के लिए भी स्वस्थ नहीं होती।

यह भी पढ़ें : क्या आप और आपके किरदार सेक्सुअल डिसजायर की कमी से जूझ रहे हैं, इसके लिए विटामिन डी की कमी जिम्मेदार हो सकती है

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page