रोज सुबह जल्दी उठना हड़बड़ी में काम पर जाने के लिए तैयार होना फाइनल कौन चाहता है? उसी अंधेरेते सूरज को देखते हुए अपने दोस्तों के साथ शाम कि चाय की प्याली कौन नहीं उठाना चाहता। लेकिन आपके जॉब लाइफ का एक ऐसा हिस्सा है जिसे आप जानना नहीं चाहते हैं। पहले मुझे भी काम से समय न मिलने पर काफी घबराहट महसूस होती थी जो हर रोज मेरी सेहत के लिए अलग-अलग परेशानियां ला रही थी।
कई बार हम अपने काम के जीवन और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन नहीं बना पाते हैं, जिसके कारण हमारे मानसिक एवं स्वस्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस स्थिति में नहीं तो आप पूरी तरह से अपने कार्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं, न ही अपने घर के कामकाज पर (कार्य जीवन संतुलन)।
कार्य जीवन संतुलन न पाने के कारण हमारी वास्तविक उत्पादकता पर भी प्रभाव पड़ता है, हम अपनी क्षमता से कहीं कम सक्रिय बने रहने की स्थिति में हैं। इन कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने सोचा क्यों न अपनी जर्नी को आपके साथ भी शेयर करें।
जब मैं इस समस्या से गुजर रही थी तो मैं मानस्थली वेलनेस, दिल्ली के सीनियर साइकैट्रिस्ट डॉ ज्योति कपूर से सलाह ली। उन्होंने वर्क लाइफ़ और पर्सनल लाइफ़ पर कुछ प्रभावित करने वाले टिप्स दिए हैं। तो अजीज जानते हैं कि किस तरह से इन दोनों को एक साथ किया जा सकता है (कार्य जीवन और व्यक्तिगत जीवन को कैसे संतुलित करें)।
पहले यह जान लें कि वर्क लाइफ़ बैलेंस क्या है?
हम बार-बार कार्य-जीवन संतुलन यानी की काम जीवन संतुलन के बारे में हैं। इसका मतलब है काम पर खुलेपन का समय और अन्य, गैर-कार्य गतिविधियों पर खर्च किए गए समय का संतुलन। इसका मुख्य मकसद है कि हम क्या काम के बाद, ऐसे काम करने में सक्षम होते हैं जो हमारे व्यक्तिगत जीवन के लिए जरूरी है जैसे कि दोस्तों और परिवार के साथ रहने या अपनी पसंद और पसंदीदा काम करने के लिए।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया में आजकल जहां काम और घर के बीच की झलक तेजी से धुंधली हो रही है, क्या आपने इसे अपनी लाइफ में शामिल किया है या आप इसमें शामिल होना चाहते हैं, यह दोनों चीजें पूरी तरह से आपके ऊपर करते हैं।
यहां जानें वर्क लाइफ बैलेंस के फायदे
यदि आप काम पर जीवन भर संतुलन बनाए रखते हैं तो आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बहुत कम होता है। तनाव आपके मानसिक एवं जुड़े स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ-साथ धीरे-धीरे आपके शरीर को भी प्रभावित करना शुरू कर देता है।
असंतुलित रूप से काम करने के कारण गर्दन और शरीर की अन्य मांसपेशियों में दर्द और अकड़न का अनुभव हो सकता है, अनहेल्दी वेट गेन, धूम्रपान की लत, शराब आदि का कंजंक्शन भी बढ़ जाता है। साथ ही यह रिश्ते पर भी बुरा असर डालता है।
कार्य में संतुलन न होने के कारण वैध की उत्पादकता और प्रभाव पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब आप कार्य के अलावा अन्य पसंदीदा और खुशनुमा चीज़ों में भाग लेते हैं, तो अगले दिन आप अधिक ऊर्जा के साथ कार्य को पूरा कर पाते हैं।
यहां जानें वर्क लाइफ को बनाए रखने के कुछ प्रभावशाली तरीके
1. न कहना सीखें
आम तौर पर प्रोफेशनल लाइफ में हम सभी अपना बेस्ट देना चाहते हैं इस चक्कर में कहीं ना कहीं हम अपनी पर्सनल लाइफ को पीछे छोड़ देते हैं। किसी भी काम के लिए न कहना हमारे लिए काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण है अपनी एक उचित समय सीमा तय करना।
आपके कार्य का एक उचित समय तय होता है, जिससे बाहर जाकर आपको कार्य करने की आवश्यकता नहीं है। कभी-कभी अधिक मेहनत करना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन इसे अपनी नियमित आदत में शामिल न करें, अन्यथा यह आपके मानसिक और जुड़े स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ ही आपकी कार्य क्षमता को भी कम कर देगा।
यदि आपके बॉस आपसे उम्मीद कर रहे हैं तो उन्हें सबसे पहले “न” यानी कि “नो(NO)” कहना सीखें। शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन समय के साथ आपको यह अंदाजा होगा कि आप गलत नहीं है। अपने काम करने के बाद आप अपने वरिष्ठों से पूरी तरह से कह सकते हैं।
कई बार छुट्टी के दिन या फिर कई ऐसे अवसर जब आप अपने व्यक्तिगत कार्यों में व्यस्त रहते हैं तो उस समय अपने काम को सीधे-सीधे न कहें, यह बहुत जरूरी है।
2. माइक्रो ब्रेक जरूरी है
अब चाहे आप घर से काम कर रहे हों या ऑफिस से काम कर रहे हों, आपको हर बार लंबा ब्रेक लेने की जरूरत नहीं है। 30 सेकंड का माइक्रो ब्रेक भी आपके लिए अत्यधिक लाभ साबित हो सकता है। ऐसा करने से आपका कंसन्ट्रेशन इंप्रूव होता है, साथ ही स्ट्रेस स्ट्रेस करने में मदद मिलती है। वहीं आप अधिक उत्साह के साथ कार्य को पूरा कर पाते हैं।
एम केआईटी सीनियर लेक्चरर रॉबर्ट पूजन के अनुसार हर 75 से 90 मिनट के बाद 15 मिनट का ब्रेक लेना जरूरी है। यह आपके मस्तिष्क को अधिक गतिविधियां बनाता है और आपकी शिक्षाएं भी दृढ़ होती हैं।
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3. अपने संबंधों को नींद दें
जीवन में मजबूत रिश्तो की कमी समय से पहले मौत का कारण बन सकती है। इसलिए आपके कार्य और व्यक्तिगत जीवन को संतुलित रखना अति आवश्यक है। काम के साथ-साथ अपने रिश्ते के लिए विवेक, दोस्त और परिवार के साथ-साथ समय व्यतीत करना और कभी-कभी छुट्टी पर जाना भी काफी हेल्दी होता है।
फिर भी आप अपने काम में कितना व्यस्त रहते हैं क्यों न आपके परिवार के सदस्यों के लिए समय निकालना जरूरी है। यदि वर्किंग डेज में समय नहीं मिल पाता है तो आपके पास की छुट्टी उपलब्ध है और अपॉन्स के साथ लॉकेट कर सकते हैं।
4. अपने शौक को पीछे न छोड़ें
आपकी हॉबी और आपका पसंदीदा काम आपके मेंटल हेल्थ को बनाने के लिए बहुत जरूरी है। किसी को पढ़ना किसी को पेंटिंग तो किसी को फोटोग्राफी, डांसिंग और म्यूजिक पसंद आता है। आपका भी ऐसा कोई शौक जरूर होगा। जब मैं इस स्थिति से गुजर रही थी तो उस वक्ती ने मैंने खाना पकाने को अपना सहयोग बनाया। कुकिंग ने मेरे मेंटल हेल्थ को काफी इंप्रूव किया और मुझे वर्क लाइफ बैलेंसिंग में भी मदद की।
जब आप हर चीज को छोड़कर केवल अपने काम में लगे रहते हैं, तो उस समय आपका दिमाग स्थिर हो जाता है और यह आपके मेंटल हेल्थ के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। ऐसे में अपनी ब्रीडिय़ों पर काम करना जरूरी है।
जब आप अपनी हॉबी को फॉलो करते हैं, तो आपको अंदर से एक अलग सा एप्रिसिएशन मिलता है। जिससे कि आपका तनाव खुद-ब-खुद कम होता प्रतीत होता है और आपको मेंटल हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिलती है साथ ही आप अपनों और खुद के लिए देर निकाल देते हैं।
5. लाइफस्टाइल के हेल्दी एलर्जी से नुकसान होगा
एक हेल्दी लाइफस्टाइल कार्य और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने में आपकी मदद कर सकते हैं जो कर्मचारी शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं वह कार्य को प्रभावी रूप से अपने व्यक्तिगत जीवन पर उचित ध्यान देने की आदत को खत्म कर देते हैं ऐसे में आपके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी अति आवश्यक है
इसके लिए आपको स्वयं की देखभाल की आवश्यकता है। अपने वर्किंग और से कुछ देर निकालकर मेडिटेशन, योग, एक्सरसाइज, वॉकिंग आदि में भाग लें। इसके साथ-साथ उचित निर्णय का विशेष ध्यान रखें। ऑफिस में एक अच्छा नोटिस करें और बाहर के अनहेल्दी पदार्थों का सेवन करने से बचें।
यह सभी चीजें आपके मेंटल हेल्थ के साथ ही साथ फिजिकल हेल्थ को भी इंप्रूव करने में मदद करती हैं और आप हर काम को अधिक ऊर्जा के साथ पूरा कर सकते हैं।
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