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हमें रोज़मर्रा की गतिविधियों के लिए स्टेमिना की आवश्यकता होती है। अगर शरीर में पर्याप्त स्टेमिना है, तो आप अपने ज्यादा से ज्यादा काम के बिना थकेंगे नहीं। लेकिन समान स्टेमिना की कमी महसूस होने पर शरीर में थकान, कमजोरी और सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। शरीर का स्टेमिना बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज के साथ हेल्दी डाइट भी जरूरी है। लेकिन कई बार डाइटिंग और एक्सरसाइज रिजीम के बाद भी हमारे स्टेमिना में कमी आने लगती है। ऐसे में काम सदियों से अपनाते जा रहे हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों को ही औषधि माना जाता है। जो किसी भी स्वास्थ्य को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं। आज इस लेख में ऐसी ही आयुर्वेदिक हर्ब (स्टैमिना बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियां) पर बात करेंगे जो प्राकृतिक रूप से स्टेमिना बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
यहां 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां हैं जो आपका स्टेमिना बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं
1. अश्वगंधा (अश्वगंधा)
अश्वगंधा में आवश्यक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ कार्बोहाइड्रेट, डाई फाइबर और प्रोटीन भी होता है। साथ ही इसमें हीट शॉक प्रोटीन, कॉर्टिसॉल जैसे कई आवश्यक प्रोटीन पाए जाते हैं। जो इम्युनिटी ड्रेजिंग करने के साथ-साथ स्टेमिना बढ़ाने में मदद कर सकता है।
आयुर्वेदा बूस्टर सेंटर के अनुसार अश्वगंधा का सेवन फिजिकल और मेंटल हेल्थ बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही शरीर के मेटाबोलिज्म को बरकरार रखने में मदद करता है।
2. ब्राह्मी ( ब्राह्मी)
ब्राह्मी आयुर्वेद में एक ऐसी बूटी पाई गई है, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकती है। यह आपके लिए एक यादगार स्थिति होने के साथ मस्तिष्क को मजबूत बनाने और बॉडी कॉर्डिनेशन में सुधार करता है। ब्राह्मी की सेवा अल्जाइमर की समस्या से लेकर वृद्धावस्था तक सभी के लिए लाभ है।
आयुर्वेद के अनुसार यदि प्रतिदिन ब्राह्मी चूर्ण का सेवन किया जाए, तो यह आपके एनर्जी लेवल के साथ स्टेमिना को बनाए रखने में वर्ज़न हो सकता है। ब्लेस्ड ओरिएंटेशन-मेमोरी कंसन्ट्रेशन टेस्ट की एक स्टडी में सामने आया कि ब्राह्मी का सेवन और बोलने की शक्ति को भी बेहतर बनाए रख सकते हैं।
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3. शतावरी (शतावरी)
शतावरी को एक एडाप्टोजेनिक हर्ब माना जाता है, जो शारीरिक और जुड़े तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद में शतावरी को जड़ी-बूटी की रानी भी माना जाता है। क्योंकि यह कई बड़े स्वास्थ्य के लिए रामबाण की तरह काम करता है। क्लिनिकल अध्ययन में पाया गया है कि शतावरी महिलाओं में सहनशक्ति बढ़ाने के साथ कई सारी समस्याएं साबित होती हैं।
वेबमेड सेंट्रल की खोज के अनुसार शतावरी में स्ट्रांग एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ एंटीवायरल गुण भी पाए गए हैं। जो इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाए रखने के साथ शरीर की शक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
4. शिलाजीत (शिलाजीत)
शिलाजीत एक आवश्यक प्राकृतिक औषधि है, जिसे कई प्रकार के जड़ से खत्म करने के लिए लाभ माना जाता है।
पबमेड सेंट्रल की रिसर्च के मुताबिक शिलाजीत में फुल्विक एसिड जो एंटी-ऑक्सीडेंट होने के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी कम्पाउंड है। सही मात्रा में पाया गया है, जिससे इसकी सेवन एजिंग टैग को धीमा करने के साथ लंबी उम्र के लिए लाभ होता है। रिसर्चगेट की एक स्टडी के मुताबिक शिलाजीत का सेवन बॉडी में आयरन की कमी को पूरा कर सकता है। जो कमजोरी थकान, स्टेमिना की कमी का बड़ा कारण होता है।
5. गोक्षुरा ( गोक्षुरा )
गोक्षुरा एक पौधा पौधा होता है, जिसे ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस के नाम से भी जाना जाता है। सदियों से आयुर्वेद में गोक्षुरा का उपयोग कई प्रकार के लिए सटीक रूप से किया जाता था। जैसे किडनी से जुड़ी समस्याएं होती हैं। आयुर्वेदा वैदिक ऑफ सेंटर के अनुसार बॉडी का स्टेमिना बढ़ाने और रिकॉर्ड करने के लिए गोक्षुरा असरदार माना जाता है। इसके साथ ही यह बोन हेल्थ को बेहतर बनाने में भी फायदेमंद हो सकता है।
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