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बिजी लाइफस्टाइल और मानसिक तनाव हर किसी के लिए आम बात हो गई है। इसके कारण लोगों में ज्यादातर लेट तक दृढता की स्थिति होती है। युवाओं में यह और भी सामान्य है। देर रात पार्टियों और बनने की स्थिति जैसे कूल हो गई। और इसका सीधा असर स्वास्थ्य पर है। दिनभर कमजोरी, थकान महसूस होना या फोकस में कमी और उदासीनता का पूरा न होना नींद के मुख्य लक्षण हैं। वही कुछ लोगों को नींद कम आना या हमेशा थकान जैसे जीवाणु होने का आभास होता है। आज में लेकर आने का हल करते हुए हम आए हैं 3 ऐसे योगासन (स्वस्थ नींद के लिए योग), जो आपको बेहतर नींद लेने के साथ मानसिक तनाव से भी राहत देंगे।
पहले नींद के लिए कैसे लाभ है योगा
योगासन न सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। नियमित रूप से योग करने से दिनभर एनर्जी जीने में मदद मिलती है। यह हमारी मांसपेशियों और मस्तिष्क को रिलेक्स करके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
जर्नल ऑफ आयुर्वेदा एंड इंग्रेटीव मेडिसिन ने वृद्ध लोगों पर एक शोध में पाया कि जिन लोगों ने लंबे समय तक योगा किया। उनकी नींद की विशेषताओं के साथ लाइफस्टाइल भी हेल्दी बना।
अच्छी और गहरी नींद में पूर्ति हैं ये 3 योगासन
1.सेतुबंधासन (ब्रिज पोज)
ब्रिज पोज़ थकावट और सुस्ती की समस्या खत्म करने के लिए ब्रिज पोज़ एक आसान सबसे अच्छा है। इसे कुल्हो, कमर और घुटने की समस्याओं के लिए सबसे अधिक लाभ माना जाता है। यह मांसपेशियों को रिलेक्स करके बेहतर नींद लेने में मदद करता है।
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इस तरह सेतुबंधासन
- सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं, अब घुटनों को मोड़ें और पैरों को सीधा करें और घुटनों के नीचे कूल्हे-चौराई पर जाएं।
- सांस लें और कमर को ऊपर उठाएं। इस तरह से तस्वीर लें कि आपकी पीठ का निचला हिस्सा सपाट, चतुर्भुज आकार का बना हो।
- इस दौरान आपका ब्लॉक किसी भी तरफ हो सकता है। यहां 10-15 सांस लें या 1 मिनट रुकें।
- सांस लें और लाइक करें जिससे आप आसानी से साइड में ब्लॉक कर सकें।
- धीरे-धीरे आप अपने नीचे दब जाएं और पैरों के निचले हिस्से को चट कर जाएं।
2. शवासन (shavasan)
अच्छी और अच्छी नींद के लिए यह सबसे ज्यादा असरदार योगासन है। यह आपके पूरे शरीर को रिलेक्स करके मन को शांत करने में भी मदद करता है। इस योगासन से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी लाभ मिलेगा।
इस तरह करें शवासन
- पैरों को रिलेक्स करते हुए पीठ के बल लेट जाएं। इस पोज़ में कूल्हे में दूरी और बंधों को भी अपनी जगह पर रखें।
- अगर आप झुकते हैं, तो किसी सहर के नीचे झुकें या झुकें और सिर के नीचे कुछ सहयोग रखें।
- अपने शरीर के वजन को चटनी पर रखें और अपना ध्यान अपनी सांसों पर रखें। अब लंबी और धीमी सांस लेना शुरू करें।
- इस योगाभ्यास को कम से कम 4 मिनट तक करें। आप यह योगाभ्यास दृष्टि पर भी कर सकते हैं।
3. बालासन (बाल मुद्रा)
यह योगाभ्यास रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करने के साथ फ्लेक्सिबल बनता है। ज्यादा कंफर्ट के लिए छाती या जांघों के नीचे तकिया रखें। अगर आपको पेट और पीठ से जुड़ी कोई समस्या है तो विशेषज्ञों की सलाह पर ही यह योगाभ्यास करें।
इस तरह करें बालासन
- सबसे पहले आपको पेट के बल जाने दिया जाता है। अब अपने हाथ-पैर और आगे का हिस्सा बढ़ा हुआ टेबलटॉप पोज बनाएं।
- टेबलटॉप पोज़ से डरने की ओर वापस जाएँ। घुटनों को एक साथ लाकर या बाहर की ओर।
- अपने आगे के हिस्से को आराम दें और अपने जांघों में रिलेक्स करें। यह रीढ़ के साथ पूरे शरीर को आराम देगा
- इस मुद्रा में 5 मिनट तक रहें। शुरुआत में आप 2 मिनट तक भी कर सकते हैं।
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