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योग हमारे जीवन का एक बड़ा अंग है। ब्रेन से लेकर फ्रेंड्स की नेटवर्क तक। शरीर का हर हिस्सा योग के माध्यम से चार्ज और स्वस्थ रह सकते हैं। आए दिन हम कई तरह की बीमारियों से घिरे रहते हैं। कंपोनेंट से एसिडिटी, गैस और ब्लोटिंग एक ऐसी समस्या है, जिससे देर तक काम करने वाले लोग ज्यादा परेशान रहते हैं। मगर परेशान न हों, क्योंकि योग में कुछ ऐसे आसन भी हैं जो आपकी इस समस्या से तुरंत राहत दे सकते हैं।
कई पूर्व का कारण बन सकते हैं गैस
शरीर से गैस निकलने नहीं होने के कारण कई बार सीने में जलन, पेट या पीठ में अचानक होने वाला चक्कर दर्द और अटक डकार आने लगते हैं। इससे बचने के लिए हम जल्दबाजी में एसिडिटी की दवाई लेते हैं। जो कि समस्या को वहीं रोक देता है और हम स्वस्थ महसूस करने लगते हैं। अगर आप इस समस्या को पूरी तरह से जह से खत्म करना चाहते हैं, तो इन योगासनों को अपना मार्ग का हिस्सा बनाएं। इससे आप स्वस्थ और फिट महसूस करते हैं। इस बात में वाह लाइफ की फाउंडर सुमिता गुप्ता हमें बताएं कि आप उन योगासनों का परिचय दे रहे हैं, जो इंसेंटेंट गैस रिलीज में सच हो सकते हैं।
यहां 3 योगासन हैं जो आपको तुरंत गैस और एसिडिटी से राहत दिला सकते हैं।
1. पवनमुक्तासन (गैस छोड़ने की मुद्रा)
वेलनेस कोच सुमिता गुप्ता के अनुसार पीठ के बल किए जाने वाले इस आसन को पवनमुक्तासन कहते हैं। इसे करने से शरीर में मौजूद वायु की समस्या दूर होती है। इसके अलावा पीठ दर्द, कमर दर्द, हाई ब्लड प्रैशर और विशिष्ट मासिक धर्म से राहत मिलती है। इससे हमारी पाचन क्रिया दुरूस्त रहती है और मांसपेशियों में भी रूखापन आ जाता है।
कैसे करें पवनमुक्तासन
इसके लिए सबसे पहले छात्र के बल पर जाएं। फिर हाथों और हाथों को पूरी तरह से सीधे कर लें।
अब आंखें बंद कर लें और रिलेक्स फाइल करें।
गहरी सांस भरते हुए अपने सिर को उपर की पसंद और बैठने की मुद्रा में आ जाएं।
धीरे-धीरे अपनी ठुड्डी को घुटने पर टिकाएं। अब सांस लेते हुए फिर से जमीन पर चलें।
2. मकरासन (मगरमच्छ मुद्रा)
सुमिता गुप्ता बताती हैं कि मकरासन का अर्थ सूक्ष्म जैसा है। इसे पेट के बल लेटकर किया जाता है। जो गैस और एसिडिटी की समस्या से निजात दिला सकता है। इस योगासन के रूप में आप स्वयं को लाकर और तनाव मुक्त अनुभव करते हैं। इसके अलावा ये आसन अनिद्रा की समस्या को भी दूर करने में एक उपाय है।
कैसे करें मकरासन
इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
अब दोनों हाथों से कोहनी का एक स्टैंड बना लें। अपनी चिन को उसका मध्य टीका दें।
आंखों को बंद कर लें और पैरों के बीच में थोड़ी सी दूरी बनाए रखें।
अब एक कर पैरों की एड़ी को मोड़ें और घुटने के पास ले जाएं।
इस प्रक्रिया को आप आठ से दस बार कर सकते हैं। आप चाहें, तो कुछ देर के लिए टाँगों को बिना बोले भी
विश्राम की मुद्रा में लेट सकते हैं।
इससे एसिडिटी की समस्या का निवारण आसानी से हो जाता है।
3.शलभासन (टिड्डी मुद्रा)
अगर आपको एसिडिटी से पोशान है, तो शलभासन को सुनिश्चित करने के लिए अपना मार्ग बनाएं। ये देखने और सुनने में सरलता से लगता है, उतना सिंपल नहीं है। टिड्डी आसन के नाम से प्रचलित इस योग को नामांकन करें। इस आसन से पेट में गैस की समस्या का समाधान होता है। साथ ही पैल्विक क्षेत्र के मुद्दे भी बढ़ते जा रहे हैं। इसके अलावा ये आसान आपको पूर्वाग्रह से भी राहत सूचना है।
कैसे करें शलभासन
इसमें पेट के बल चलो। हाथ की छाया में उसे थाईज़ के नीचे की ओर रखें
अब आप अपनी ठोड़ी को धराशायी कर रहे हैं ताकि आपकी नाक पर कोई दबाव न पड़े।
पैर को सीधा रखें और एक के बाद एक पैर को बढ़ाएं और नीचे रखें।
इसके बाद कुछ देर के लिए पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं।
इस तरह से शलभासन का एक चक्र पूरा हो जाता है। यह आपको 5 से 6 बार मिला है।
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