
अक्सर खुलासा करने वालों के कारण कब्ज की शिकायत हो जाती है। कब्ज के कारण गैस, ब्लोटिंग और मोटापे की समस्या भी हो जाती है। इसलिए शरीर को कब्ज से मुक्त प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कई योगासन हैं, जो कांस्टीपेशन से राहत दिलाते हैं। यहां विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कुछ एक्सरसाइज से मिल को मुक्ति मिल सकती है। योग थेरेपिस्ट स्मृति आपके इंस्टाग्राम पोस्ट में बताती है कि रोज सुबह 2 योगासन करने से कब्ज से राहत मिल सकती है।
योगाभ्यास कैसे दूर करते हैं कब्ज
कब्ज आमतौर पर होता है, जब मल बहुत लंबे समय तक कोलन (बड़ी आंत) में रहता है। कोलन मल से बहुत अधिक जल सम्भोग करता है। यह मल कठोर और शुष्क हो जाता है।
यदि आप नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं, तो आपकी आंत को गतिमान बनाने में मदद मिलती है। इससे कब्ज दूर होने में मदद मिलती है। कुछ आसन पाचन तंत्र की मालिश करने का काम करते हैं। इससे आंतों के माध्यम से मल को शरीर से बाहर निकलने में मदद मिलती है। ऐसा योगासन, जिसमें आपका नीचे का शरीर (लोअर बॉडी पार्ट) लगातार सर्फ होता है। इससे पेट की मांसपेशियां (पेट की मांसपेशियां) पर दवाब पड़ता है।
कैसे पता चलता है कि आपको कब्ज है (पूपिंग)
योग प्रशिक्षक स्मृति बताती हैं, ‘जब आप दिन-रात में किसी भी समय पूर्ण होने की इच्छा रखते हैं, यानी आपका कोई समय निश्चित नहीं है, तो इसका मतलब है कि आप कब्ज है। किसी भी समय पेशाब करना सामान्य नहीं होता है। साथ ही एक दिन काम करने वाला एक दिन यानी अल्टरनेट डे (अल्टरनेट डे) पर पूप करना (पूपिंग) भी नॉर्मल नहीं है। स्वस्थ जीवन के लिए उत्थान के लिए 1 घंटे तक पूर्ण करना आवश्यक है। इसलिए सुबह सुबह लौटने के बाद 1 गिलास
गुनगुना पानी (गुनगुना पानी) लें।
यहां हैं स्मृति के 2 योगासन जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं
1 पदोत्तानासना (पादोत्तानासन)
शरीर के निचले हिस्से को भी दिखाता है। इसे ले लीजिए। प्रेगनेंसी के दौरान या लगातार प्रयास करने का प्रयास कर रहे हैं, या आपको बैक पेन है, तो इस आसन को नहीं करें।
कैसे करें आसन
योग मैट पर चलें।
अपने पैरों को 30 डिग्री तक उठायें।
सांस लें और सांस रोकें लें।
पैरों को 10 सेकंड तक हवा में ही रोके रखें।
बदलते तो धीरे-धीरे 10 तक गिनती कर सकते हैं।
शुरुआत में पैरों को रोकने में मुश्किल हो सकती है, लेकिन ऐसा करना जरूरी है।
यदि आपको दोनों पैरों को उठाना मुश्किल होता है, तो शुरुआत में इसे एक पैर से उठा सकते हैं।
2 सुप्त उदाराकर्षण (सुप्त उदाराकर्षणासन)
यह पेट की मांसपेशियों और अंगों को फैलाता है। इससे पाचन में सुधार होता है और कब्ज दूर होता है। रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल मसल्स) के मुड़ने से तनाव और लंबे समय तक बैठे रहने से अकड़न से राहत मिलती है। शरीर और दिमाग को आराम मिलता है। इस आसन को सभी लोग कर सकते हैं।
कैसे करें आसन
हाथों को सिर के नीचे रखें।
दोनों हाथों को एक साथ मूडकर एक तरफ़ नज़र आ रहे हैं।
इस दौरान सिर को दूसरी तरफ करें।
दोनों तरफ से यह प्रक्रिया दोहरायें।

पैर जब बीच में रहें, तो सांस लें। साइड की तरफ करने पर सांस को बाहर निकाल दें।
ये दोनों आसन रोज 5 राउंड करें। यदि नियमित रूप से ये उपाय किया जाए, तो कब्ज की शिकायत धीरे-धीरे दूर हो जाएगा।
यह भी याद रखें
रूखे खाने के पदार्थों के साथ-साथ अपनी डाइट में हेल्दी घी, चिया सीड्स, फ्लेक्स सीड्स को भी शामिल करें। शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी भी होना चाहिए। पर्याप्त पानी पीने से टाइपइंटेस्टाइनल संपर्क मल शरीर से बाहर आ पाता है। फाइबर, पानी और एक फल प्रशासित।
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