लाइफ स्टाइल

लेजर से कुछ ही मिनटों में बवासीर का इलाज किया जा सकता है। जानें पाइल्स के इलाज में लेज़र टेक्निक से शिकायत हो जाती है।

यदि हमारा पाचन तंत्र ठीक नहीं है, तो हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक बवासीर की समस्या है। इसके ज्यादातर मामलों में किसी व्यक्ति की बोवेल मूवमेंट सही नहीं होती है। पाइल्स होने के क्या कारण और लक्षण हैं और इसके उपचार के क्या विवरण हैं, इस पर बहुत केयर के एमबीबीएस, एमएस-जनरल सर्जरी और फाइल इन लैपर माइक्रोस्कोपी डॉ। संजीत नायर ने विस्तार से बताया।

क्यों होता है पाइल्स (बवासीर का कारण)

डॉ. संजीत नायर के दावे हैं, ‘एनोरेक्टल क्षेत्र में रक्त की योनियों में सूजन (सूजन) के कारण बवासीर होते हैं। ये सामान्य और बाहरी या दोनों हो सकते हैं। बवासीर महत्वहीन एनस के नसों पर दबाव बढ़ने के कारण होते हैं। लंबे समय तक कब्ज बना रहता है या फिर मल त्याग के दौरान ज्यादा तेज होने के कारण बवासीर या बवासीर हो सकता है। यह हर आयु वर्ग के लिए एक आम समस्या है। यह समस्या महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित करती है। पाइल्स के निदान के लिए नैदानिक ​​इतिहास की आवश्यकता होती है। इसके सामान्य लक्षण खुजली, दर्द, बेचैनी, आंतों के कार्य में विकार और रक्तस्राव हैं। इसके लिए लेबोरेटरी जांच की आवश्यकता नहीं होती। क्लाइंट को प्रोक्टोस्कोपी या सिग्मॉइड कॉपीराइट की सलाह दी जाती है।”

बवासीर होने पर लिंग के क्षेत्र में अत्यधिक दर्द और रक्तस्राव होता है

जिन लोगों को अक्सर कब्ज की शिकायत रहती है, या आंतों के कार्य में लंबे समय तक विकार रहता है, उन्हें बवासीर होने की संभावना अधिक होती है। भारी वजन उठाना, कम फाइबर वाला आहार लेना, गर्म और काली मिर्च युक्त भोजन करना, मोटा होना, लंबे समय तक बैठे रहना और मल त्याग करना अत्यधिक ताकत लगने के कारण भी होता है। बवासीर होने पर गुदा के क्षेत्र में अत्यधिक दर्द, रक्तस्राव, सूजन और खुजली हो सकती है।

बवासीर से पीड़ित लोग रोज लें फाइबर युक्त आहार, कार्बोहाइड्रेट, अनाज और फल (बवासीर से पीड़ित लोग रोजाना फाइबर युक्त आहार, सब्जियां, साबुत अनाज और फल लें)

बवासीर के इलाज में आहार की अहम भूमिका है। रेशेदार, हरे धब्बे और पानी का सेवन कम मात्रा में करने और तेलयुक्त एवं तराशा हुआ आहार लेने से आहार में प्रवेश होता है। इससे पाचन प्रक्रिया बिगड़ जाती है। कम पानी पीने के कारण भी कब्ज बढ़ती जा रही है। कॉफी भी इसका एक कारण हो सकता है, क्योंकि ज्यादा कॉफी पीने से आंतों का कार्य प्रभावित होता है और बवासीर बढ़ जाती है। हमें अपने आहार को संतुलित रखना चाहिए। नियमित रूप से फाइबरयुक्त आहार, जैसे कार्बोहाइड्रेट वाले अनाज और फलों को पर्याप्त मात्रा में पानी भरा जाना चाहिए।

लेज़र से कुछ शिकवा हो जाता है इलाज

बवासीर होने पर ज्यादातर लोग इलाज के लिए घरेलू नुस्खों पर कायम रहते हैं। इससे संबंधित आराम नहीं मिल पाता है। इससे केवल कुछ देर तक दर्द और बेचैनी से राहत मिलती है। लेजर जैसी नई सर्जिकल तकनीक पाइल्स का इलाज एक दिन में करता है। बवासीर या बवासीर के लिए लेजर सर्जरी में बवासीर दिखाई देती है और सिकोडने के लिए एक लेजर बीम का उपयोग किया जाता है। इसमें लाइट को घुसपैठ पर केंद्रित कर ब्लड फ्लो दिखाई देता है। इससे टिश्यू गिर जाता है। पूरे दिन की बजाय 15-20 मिनट में लेजर सर्जरी की मदद से पाइल्स का इलाज हो जाता है। सर्जरी हो जाने के बाद मरीज उसी दिन अपना घर वापस जा सकता है।

धन
बबीर में नियमित रूप से फाइबरयुक्‍त आहार, जैसे शाकाहारी, टमाटर के अनाज और फलों को खाने और पर्याप्त मात्रा में पानी भरने की जरूरत है। चित्र:शटरस्टॉक

यहां हैं लेजर सर्जरी के कारण मिलने वाले फायदे (कुछ ही मिनटों में हो जाता है लेजर ट्रीटमेंट)

स्फिंक्टर पेशियों और गलियारों की शारीरिक संरचना को कोई क्षति नहीं पहुंचती है।

बवासीर हटाने के लिए किसी बाहरी पदार्थ का इस्तेमाल नहीं होता है।
ओपन (पारंपरिक) सर्जरी के लिए यह पूरा होने में कम समय लगता है।
इसमें कोई चीरा या साड़ी नहीं लगा रहा है।
दाग या घाव नहीं होते।
अनुबंध का कोई जोखिम नहीं रहेगा।
सर्जरी के बाद होने वाले लक्षण बहुत कम होते हैं।
फिर से होने की संभावना के बराबर नहीं है।

यह भी पढ़ें :- आपके मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है, जानिए क्या है एंगलाइटी और वायरल का कनेक्शन

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page