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सड़क हादसों से सबक कब? 33 हजार मौतों पर भी हेलमेट और सीट बेल्ट के नियम अधर में!

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा राजनीतिक मंथन हुआ, लेकिन हेलमेट और सीट बेल्ट को अनिवार्य करने का अशासकीय संकल्प सदन में पारित नहीं हो सका। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा ने स्पष्ट किया कि सरकार इस मुद्दे पर प्रतिबद्ध है, लेकिन संकल्प को नए रूप में लागू किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की कि बाइक की खरीद के साथ हेलमेट लेना अनिवार्य किया जाएगा और सड़क सुरक्षा कानूनों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

सरकार ने दी सफाई – कानून पहले से है, जागरूकता की जरूरत

गृहमंत्री विजय शर्मा ने सदन में कहा कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा के लिए कानून पहले से मौजूद हैं और पुलिस इसे लागू करने के लिए पर्याप्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष हेलमेट न पहनने पर 41 हजार चालान किए गए, जिससे ₹2.5 करोड़ की वसूली हुई, वहीं सीट बेल्ट न लगाने पर ₹1 करोड़ का जुर्माना वसूला गया। उन्होंने कहा कि सरकार ब्लैक स्पॉट्स सुधारने के लिए 60 करोड़ का बजट लाई है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जाएगी।

अजय चंद्राकर का तंज – “नेता-अफसरों को छूट, बाकी लोग कीड़े-मकोड़े हैं क्या?”

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सड़क सुरक्षा को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “सरकारी कर्मचारी हेलमेट लगाने के लिए बाध्य हैं, लेकिन आम जनता के लिए यह अनिवार्य क्यों नहीं?” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सीट बेल्ट न लगाने पर नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती

धर्मजीत सिंह का समर्थन – “नेताओं और मंत्रियों के भी कटने चाहिए चालान”

भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने सरकार से मांग की कि मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों पर भी नियम समान रूप से लागू किए जाएं। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि प्रदेश में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का सुझाव – “बाइक खरीदी के साथ हेलमेट अनिवार्य हो”

कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने बाइक कंपनियों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि डीलरों को यह निर्देश दिया जाए कि बाइक बिना हेलमेट के नहीं बेची जाएगी, तो यह एक प्रभावी कदम होगा।

क्या कहते हैं आंकड़े?

  •  2019 से 2024 के बीच छत्तीसगढ़ में 33,000 सड़क दुर्घटनाओं में मौतें हुईं।
  •  104 ब्लैक स्पॉट्स में से 90 को सुधार दिया गया है, 190 नए ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित।
  •  पिछले साल 41,000 हेलमेट चालान और 1 करोड़ से अधिक सीट बेल्ट चालान किए गए।

जनता के लिए कितना जरूरी है हेलमेट और सीट बेल्ट?

विशेषज्ञों के अनुसार, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग 70% तक मौतों की संभावना को कम कर सकता है। हालांकि, जागरूकता की कमी और सख्त कानूनों के अभाव में लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते।

क्या होगा आगे?

हालांकि, सदन में यह संकल्प पारित नहीं हो सका, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया कि हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर कड़े नियम बनाए जाएंगे। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर आगे क्या ठोस कदम उठाती है और सड़क सुरक्षा को लेकर कितनी सख्ती बरती जाती है। 🚦🔴

 आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? क्या हेलमेट और सीट बेल्ट अनिवार्य करने के लिए सख्त कानून जरूरी है? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!

 


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