
रिपोर्ट में न्यूयॉर्क और लॉस एंजेलिस समेत देश के कुछ सबसे बड़े शहरों के आंकड़े नहीं हैं। कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी-सैन बर्नार्डिनो में ‘सेंटर ऑफ द स्टड ऑफ हेट एंड एम्प’ के निदेशक ब्रायन लेविन ने कहा है कि दशकों से अपराध के प्रति संवेदनशील होने की संभावना सबसे अधिक है।
वाशिंगटन। अमेरिका में 2021 में घृणा अपराध के मामले एक बार फिर सामने आए हैं। अमेरिका में न्याय विभाग की एजेंसी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने यह जानकारी दी। संघीय जांच एजेंसी द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस तरह के मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पिछली अधूरी रिपोर्ट में मामलों में कमी आने की बात कही गई थी। हालांकि रिपोर्ट में न्यूयॉर्क और लॉस एंजेलिस समेत देश के कुछ सबसे बड़े शहरों के आंकड़े नहीं हैं। कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी-सैन बर्नार्डिनो में ‘सेंटर ऑफ द स्टड ऑफ हेट एंड एम्प’ के निदेशक ब्रायन लेविन ने कहा है कि दशकों से अपराध के प्रति संवेदनशील होने की संभावना सबसे अधिक है।
उन्होंने कहा, ”हम एक ऐसे सख्त दौर में हैं जहां द्वेषी अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। अन्य 16 प्रतिशत को उनकी यौन पसंद को लेकर और 14 प्रतिशत को धार्मिक पूर्वाग्रह के कारण बनाया गया। ऐसे में सबसे ज्यादा डर-धमका और हमला करके अंजाम दिया गया। वहीं द्वेष के आधार पर हत्या के 18 मामले सामने आए। वेस्टर्न स्टेट्स सेंटर के चीफ ऑफ स्टाफ जिल गार्वे ने बताया कि धार्मिक मामलों में से छोटे से यहूदी लोगों को देखा गया। FBI की सोमवार को रिपोर्ट में ऐसे मामलों के सही तरीके से रिकॉर्ड रखने पर जोर दिया गया।
गार्वे ने कहा, ”हमें अब भी उचित आंकड़े नहीं मिले हैं, इसलिए कि इस समस्या के मूल कारण का पता लगाया जा सकता है।” दिसंबर में जारी पिछली रिपोर्ट में ऐसे मामलों में कमी आई थी तब क्योंकि पुलिस को अपने आंकड़े FBI को कैसे सौंपे गए हैं इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं थी। अधिक स्पष्टता के लिए एजेंसी के अधिकारियों ने बड़े समूहों को पिछली प्रणाली के तहत रिपोर्ट देने की अनुमति दी। एसोसिएट अटॉर्नी जनरल वनिता गुप्ता ने कहा, ”नफरत के आधार पर अपराध और उनके कारण समुदायों को होने वाली परेशानी के लिए देश में कोई जगह नहीं है। न्याय मंत्रालय से व्याप्त हिंसा के सभी रूपों से समाधान के लिए मौजूद हर संसाधन का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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