
UNITED NEWS OF ASIA. केंद्र की मोदी सरकार आज लोकसभा में बहुप्रतिक्षित वक्फ संशोधन बिल 2024 को पेश करने जा रही है। माइनॉरिटी अफेयर्स मंत्री किरेन रिजिजू बिल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में रखेंगे, इसके बाद इस पर 8 घंटे तक बहस होगी। एनडीए को 4 घंटे 40 मिनट और विपक्ष को बाकी समय दिया गया है। बहस के दौरान, रिजिजू सदन को संबोधित करेंगे और फिर बिल पर वोटिंग होगी।
विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का विरोध करने के लिए रणनीति तैयार की है, जिसमें कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सक्रिय रूप से भाग लेंगे। लेकिन, संसद के दोनों सदनों में एनडीए के पास बहुमत होने के कारण इसे रोकना विपक्ष के लिए मुश्किल होगा। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में एनडीए के पास मजबूत संख्याबल है, जिससे मोदी सरकार को बिल पारित कराने में कोई मुश्किल नहीं आएगी।
लोकसभा में एनडीए की स्थिति
लोकसभा में एनडीए के पास विधेयक पारित करने के लिए पर्याप्त संख्याबल है। एनडीए गठबंधन के प्रमुख सहयोगी, जैसे तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी), जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू), शिवसेना और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिल के समर्थन में वोट करने का ऐलान किया है। लोकसभा में कुल 542 सांसद हैं, जिनमें से 240 बीजेपी के, 12 जेडीयू के, 16 टीडीपी के, 5 एलजेपी के, 2 राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के और 7 शिवसेना के सांसद हैं। अगर एनडीए की सभी पार्टियां बीजेपी के साथ खड़ी होती हैं, तो बिल आसानी से पास हो जाएगा।
विपक्षी गठबंधन के पास लोकसभा में 235 सांसद हैं, और अगर अन्य दलों को जोड़कर यह संख्या 249 तक पहुंचती है, तो भी बहुमत (272) से यह संख्या कम है। हालांकि, यदि 16 सांसदों वाली टीडीपी और 12 सांसदों वाली जेडीयू विरोध में आ जाती हैं, तो एनडीए का समर्थन घटकर 265 हो जाएगा, और विपक्ष का समर्थन बढ़कर 277 हो सकता है। लेकिन, यह संभावना बहुत कम है।
राज्यसभा में एनडीए का संख्याबल
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं, जिनमें से एनडीए के पास 125 सांसद हैं। इसमें बीजेपी के 98, जेडीयू के 4, टीडीपी के 2, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 3, शिवसेना का 1 और आरएलडी का 1 सांसद है। राज्यसभा में विधेयक पारित कराने के लिए एनडीए को 119 सांसदों का समर्थन चाहिए। एनडीए को उम्मीद है कि उसे असम गण परिषद, तमिल मनिला कांग्रेस और छह मनोनीत सदस्यों का समर्थन मिलेगा, जिससे उसकी स्थिति मजबूत होगी।
विपक्षी गठबंधन की रणनीति
विपक्षी दलों ने वक्फ बिल के विरोध में एकजुट होकर संसद में अपनी रणनीति बनाई है। मंगलवार को विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, एनसीपी के शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। विपक्षी दल इस बिल को रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं, लेकिन एनडीए के मजबूत संख्याबल के सामने उनकी कोशिशों का असर कम हो सकता है।
कुल मिलाकर, वक्फ संशोधन बिल के पास होने से विपक्षी दलों को रोकने में मोदी सरकार के लिए कोई रुकावट नहीं आएगी, और यह विधेयक संसद में बहुमत से पारित होने के आसार हैं।
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