
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खात्मे के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार की है, जिसके तहत 365 दिनों के भीतर प्रदेश को नक्सल मुक्त करने का संकल्प लिया गया है। इस दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछले एक साल में नक्सलियों के खिलाफ की गई कार्यवाही का उल्लेख करते हुए बताया कि 350 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं और अब प्रदेश में प्रतिदिन औसतन एक नक्सली मारा जा रहा है।
प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अब नक्सल ऑपरेशन्स उन इलाकों में हो रहे हैं, जहां सुरक्षा बलों की पहुंच मुश्किल थी, यानी नक्सलियों के कोर एरिया में। यह सभी ऑपरेशन्स पूरी तरह से प्रभावी हैं और इससे नक्सलवाद पर कड़ी चोट पहुंची है।
WHAP व्हीकल खरीदी जाएगी, नक्सल विरोधी अभियानों में मिलेगा नया दम
इस अभियान को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए सरकार 14 करोड़ की लागत से व्हील्ड आर्म्ड प्लेटफॉर्म (WHAP) नामक एक विशेष वाहन खरीदेगी। इस व्हीकल को DRDO और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा तैयार किया गया है, जो चार पहियों से अधिक चक्कों पर चलने वाली टैंक जैसी गाड़ी है। यह पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है और यह जमीन, दलदल और पानी में भी चल सकती है। इसे भारतीय सेना और CRPF द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेगी नई नक्सल नीति की जानकारी
4 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ पहुंचेंगे, जहां प्रदेश सरकार उन्हें अपनी नई नक्सल नीति से अवगत कराएगी। इस नीति में नक्सलियों को पुनर्वास का प्रस्ताव, उनके लिए सरकारी नौकरी और जमीन प्रदान करने जैसे कई बड़े प्रावधान होंगे।
नई नक्सल नीति: नक्सलियों का पुनर्वास और सशक्तिकरण
इस नई नीति में, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकारी जमीन दी जाएगी और साथ ही उन्हें सरकारी नौकरी भी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, नक्सली जोड़े को शादी के लिए प्रशासन मदद करेगा और 1 लाख रुपए का अनुदान भी मिलेगा। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 5 लाख तक की राशि भी दी जाएगी। यदि नक्सली एक करोड़ रुपये के इनाम वाले हैं और वे आत्मसमर्पण करते हैं, तो वह राशि सीधे उन्हें दे दी जाएगी।
गांवों के विकास के लिए 1 करोड़ की सहायता
प्रदेश सरकार ने नक्सल मुक्त पंचायतों के लिए 1 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने की घोषणा की है, जिसका उपयोग गांवों के विकास के लिए किया जाएगा। साथ ही, शहीद जवानों के परिवारों को सरकारी मदद भी दी जाएगी, और वीर बलिदान योजना के तहत उनके नाम पर मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
नक्सलियों के पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं
सरकार की ओर से यह भी घोषणा की गई है कि नक्सलियों के पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी, जिसमें शहरी क्षेत्रों में जमीन, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। यदि कोई नक्सली आत्मसमर्पण करने के बाद शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में स्थायी नौकरी हासिल करता है, तो सरकार उस सैलरी का 40% हिस्सा देने के लिए तैयार है।
इस पूरी नीति का उद्देश्य नक्सलियों को मुख्यधारा में लाना और उन्हें एक बेहतर जीवन की दिशा में प्रेरित करना है। इस योजना के तहत हर नक्सली के लिए रोजगार, शिक्षा और बेहतर जीवन सुनिश्चित किया जाएगा।
अब 365 दिनों का काउंटडाउन शुरू हो चुका है, और छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी जंग को और तेज करने का संकल्प लिया है।
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