
हलाला पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा
नई दिल्ली: मुस्लिम में हलाला, एक से ज्यादा शादी और शरिया कोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 जजों की बेंच बना दी है। बता दें कि पिछले साल 30 अगस्त को 5 जजों ने इस मामले की सुनवाई की थी लेकिन इस बीच जस्टिस इंद्रा बनर्जी और हेमंत गुप्ता मगरमच्छ हो गए। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह मुस्लिम में बहुविवाह और निकाह हलाला की संवैधानिक स्थिति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच जजों की नई संविधान पीठ का गठन करेंगे।
पिछले संविधान के विद्यार्थियों के दो प्रकार के विकार
इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय ने प्रधान न्यायाधीश डी. वाई। चंद्रचूड़ और सहकर्मी हिमा कोहली और साथी जे.बी. परदीवाला की याचिका से अनुरोध किया गया था कि इस मामले में संविधान को नए पाठ्यक्रमों में प्रवेश करने की आवश्यकता है, क्योंकि पिछले संविधान के दो जज-न्यायमूर्ति इंद्रा बनर्जी और रोमांटिक हेमंत गुप्ता- रिटायर हो चुके हैं।
30 अगस्त को हुई थी मामले पर सुनवाई
पिछले संविधान पीठ ने 30 अगस्त को राष्ट्रीय मानव आयोग (एनसीआरसी), राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को जनहित याचिकाओं में पक्ष दिया था और उनका जवाब मांगा था। जस्टिस संविधान की अध्यक्षता में न्याय दीनी कर रहे थे और जस्टिस गुप्ता, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस सुंदर सुंदरेश और जस्टिस सुधांशु धूलिया में शामिल थे। हालांकि जस्टिस बनर्जी और जस्टिस गुप्ता इस साल क्रमश: 23 सितंबर और 16 अक्टूबर को आरोपित हो गए, जिससे बहुविवाह और ‘निकाह हलाला’ की याचिकाओं के खिलाफ 8 याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन किया गया।
बहुविवाह और हलाला को अवैध घोषित करने की मांग
वकील अश्विनी उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में बहुविवाह और ‘निकाह हलाला’ को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। उच्च न्यायालय ने जुलाई 2018 में उनकी याचिका पर विचार किया था और इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजा गया था, जो पहली से ही ऐसी याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।



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