
प्रतिरूप फोटो
गूगल क्रिएटिव कॉमन्स
गुतारेस ने हिरोशिमा में जी7 की बैठक में कहा, ”यह सुरक्षा परिषद में सुधार करने का समय है।” यह अनिवार्य रूप से आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप सत्ता के पुनर्वितरण का प्रश्न है।” हिरोशिमा में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की नवीनतम टिप्पणी से 15 देशों की सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता को बल मिला है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने रविवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, वर्ष 1945 के होश से शक्तियों के वितरण को प्रतिबिम्बित करता है और समकालीन समय की वास्तविकताओं के अनुसार शक्तियों के पुनर्जीवन की आवश्यकता बढ़ गई है। गुतारेस ने हिरोशिमा में जी7 की बैठक में कहा, ”यह सुरक्षा परिषद में सुधार करने का समय है।” यह अनिवार्य रूप से आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप सत्ता के पुनर्वितरण का प्रश्न है।” हिरोशिमा में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की नवीनतम टिप्पणी से 15 देशों की सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता को बल मिला है।
सुरक्षा परिषद में शामिल होने की मांग करने वालों में भारत सबसे आगे रहा है। माना चला जाता है कि सुरक्षा परिषद वर्तमान शनिवार से व्यवहार में विफल हो रही है। हिरोशिमा में जी7 सत्र को संदेश देते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सवाल उठाया कि जब इन हैशटैग से समझौते के लिए संयुक्त राष्ट्र का गठन किया गया था तो विभिन्न मंचों को शांति और स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श क्यों करना पड़ा। पिछले महीने, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा था कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर का एक संस्थापक हस्ताक्षरकर्ता है।
इस चार्टर पर 26 जून, 1945 को सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए थे। कंबोज ने कहा था, “77 साल बाद, जब हम यह देखते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका को वैश्विक निर्णय लेने से बाहर रखा जाता है, तो हमें सुधार की आवश्यकता महसूस होती है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।
- लेटेस्ट न्यूज़ पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- विडियो ख़बरें देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
- डार्क सीक्रेट्स की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
- UNA विश्लेषण की ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें