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गुजरात के मंत्री जगदीश विश्वकर्मा का कहना है कि वडगाम के मतदाताओं ने जिग्नेश मेवाणी को चुनकर देश को धोखा दिया – गुजरात के मंत्री ने खोया आपा,बोली

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गुजरात के मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने यरफेस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जिग्नेश मेवाणी के हाथों बीजेपी उम्मीदवार की हार को लेकर एक आक्रोश बयान दिया और वडगाम के आरोप की मांग कर डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि बनासकाटा जिले में क्षेत्र-आरक्षित सीट के लोगों ने भाजपा की जीत सुनिश्चित कर के देश के साथ धोखा नहीं किया है। मंत्री जगदीश विश्वकर्मा के इस बयान पर सियासत गरमा गई है। जिग्नेश मेवाणी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को हार पचाना भी सीखना चाहिए।

विश्वकर्मा ने एक दिन में वडगाम के वारनावाड़ा गांव के दौरे के दौरान दावे द्वारा स्वागत किया जाने पर कहा कि जो लोग (भाजपा की हार के लिए) जिम्मेदार हैं, उन्होंने वास्तव में देश के साथ विश्वास किया है। आपने मेरा स्वागत किया, पहनाया, लेकिन मैं आपको बताता हूं कि अब इस तरह का पाखंड दिखाने के बजाय आपको यहां भाजपा की जीत सुनिश्चित करके अपना प्यार दिखाना चाहिए। जगदीश विश्वकर्मा महानगर जिले की निकोल सीट से भाजपा के विधायक फिर से चुने गए। वह पिछली सरकार में भी मंत्री थे।

कौन हैं जगदीश विश्वकर्मा
जगदीश विश्वकर्मा सबसे पहले महानगर भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्हें नई सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर सहकारिता, नमक उद्योग और प्रोटोकॉल विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। यही नहीं जगदीश विश्वकर्मा कनिष्क मंत्री के तौर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय, कुटीर उद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग के साथ नागरिक उड्डयन विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

वहीं मेवाणी ने जगदीश विश्वकर्मा के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के मंत्री परेशान हैं क्योंकि उनकी पार्टी यहां कई करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद जीत नहीं पाई। मेवाणी ने आगे कहा कि गर्मी से स्वागत किए जाने के बावजूद गुजरात के मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने तर्क का अपमान किया।

आसानी से हो गया है कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार जिग्नेश मेवाणी ने गुजरात की वडगाम विधानसभा सीट (वडगाम सीट) से जीत दर्ज की थी। मेवाणी ने अपने समझौता प्रतिदंधि बीजेपी के मणिभाई वाघेला (मणिभाई वाघेला) को 4 हजार 500 से ज्यादा मतों से हरा दिया था। साल 2017 की विधानसभा चुनावों में जिग्नेश मेवाणी मेवाणी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। बाद में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था।

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