
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को आरोप लगाया कि शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख ठाकरे ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी की ”पीठ में चुरा घोंपा” और विचारधारा से समझौता किया लेकिन उन्हें भी इसका करारा का जवाब मिला क्योंकि महाराष्ट्र में अब एक नई सरकार है।
चंद्रपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को आरोप लगाया कि शिव सेना (यूबीटी) प्रमुख ठाकरे ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी की ”पीठ में चुरा घोंपा” और विचारधारा से समझौता किया लेकिन उन्हें भी इसका करारा का जवाब मिला क्योंकि महाराष्ट्र में अब एक नई सरकार है। नड्डा यहां बीजेपी के विजय संकल्प रैली को संदेश दे रहे थे। पार्टी के एक नेता के अनुसार आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के कठिन उम्मीदवार 18 राज्यों पर जीत हासिल करने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा है। ठाकरे की पार्टी ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था।
बाद में शिव सेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार बनाई। पिछले साल जून में शिव सेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। इसके बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। बाद में शिंदे बीजेपी के समर्थन से बने और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। नड्डा ने कहा कि चुनावों के दौरान साफ कर दिया था कि ”दिल्ली में नरेंद्र, महाराष्ट्र में देवेंद्र” और उस समय शिव सेना ने हमी भी भरी थी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि लेकिन जब चुनाव परिणाम आया तो वे (सेना और ठाकरे) ”सत्ता के लालच में हम लोगों की पीठ में चुरा घोंपा और उन लोगों के साथ खड़े हो गए जिनके खिलाफ बाला साहेब ठाकरे हमेशा लड़ते रहे। ऐसे लोगों को जनता कभी माफ नहीं करेगी”।
उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार से पूछा कि ऐसे कौन से लोगों को माफ किया जा सकता है? नड्डा ने कहा कि ठाकरे ने सत्ता के लालच में विचारधारा से समझौता किया और उनकी सरकार ने गणेश उत्सव और दही हांडी कार्यक्रम पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि ठाकरे ने महाराष्ट्र की सांस्कृतिक भावनाओं को भी आहत किया और उन लोगों के साथ रहे जिन्होंने राजनीति में भारतीय संस्कृति के महत्व को समझने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन उन्हें ‘करारा जवाब’ मिला है और एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में एक नई सरकार बनी है। नड्डा ने कहा कि शिंदे और फडणवीस महाराष्ट्र को विकास की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने अप्रैल 2020 में पालघर जिले में कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या करने की घटना को लेकर भी ठेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”हिंदू सम्राट (शिव सेना संस्थापक बाल ठाकरे) के सूरज आकाशवाणी ने कांग्रेस और राकांपा के दबाव में मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नहीं निर्देशित किया था एक कदम पीछे खींच लिया था।” एमवीए पर निशानाते हुए उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में ”भ्रष्टाचार की तीन भावनाएं” खोली गईं। उन्होंने कहा कि बीजेपी जीएएमबी (जनधन-आधार-मोबाइल) के माध्यम से राजनीति में ”डिजिटल स्वच्छता” ला रही है तो दूसरी तरफ एक जीएएमबी ऐसा है जिसका अर्थ है ”ज्वाइंटली एक्वायरिंग मनी”। नड्डा ने बीजेपी को ”डीबीटी” (डायरेक्ट बेनिफिट वोटिंग) बताया और कहा कि एमवीए की सरकार ”डीलरशिप, ब्रॉकरेज और वोटिंग” में मशगूल थी।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई कल्याणकारी योजनाओं के साथ देश में महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाया है। नड्डा ने कहा कि वह कश्मीर से कन्याकुमारी (उत्तर से दक्षिण) और कच्छ से कटक (पश्चिम से पूर्व) तक भाजपा को मजबूत करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन इसकी शुरुआत चंद्रपुर जिले से होगी। उन्होंने चंद्रपुर के महाकाली मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। नड्डा के साथ महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे।
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