
UNITED NEWS OF ASIA. अयोध्या। आने वाली श्रीराम नवमी (6 अप्रैल 2025) पर अयोध्या में एक ऐतिहासिक और दिव्य क्षण का साक्षी बनने का अवसर मिलेगा। चैत्र शुक्ल नवमी संवत 2081 के शुभ अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान आयोजित होगा, जहां ठीक दोपहर 12 बजे भगवान सूर्य की दिव्य किरणें रामलला के ललाट पर तिलक करेंगी। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से इसे संभव बनाया जा रहा है।
- वैज्ञानिक तकनीक से होगा सूर्य तिलक का भव्य आयोजन
- रामलला के ललाट पर सीधे पड़ेंगी सूर्य की दिव्य किरणें
- देशभर से लाखों भक्त अयोध्या में होंगे साक्षी
रामलला के ललाट पर ऐसे पहुंचेगी सूर्य की दिव्य किरणें
रामलला के सूर्य तिलक के लिए सूर्य की किरणों को तीन अलग-अलग दर्पणों के माध्यम से एक विशेष एंगल में डायवर्ट किया जाएगा। ये किरणें फिर पीतल की पाइप से होकर आगे गुजरेंगी। पीतल का उपयोग इसलिए किया गया है क्योंकि इसमें क्षरण (corrosion) की संभावना कम होती है, जिससे किरणों की दिशा बिना किसी बाधा के रामलला के मस्तक तक पहुंचेगी। इसके बाद किरणें एक विशेष लेंस से होकर सीधे रामलला के दिव्य ललाट पर पड़ेंगी, जिससे उनका सूर्य तिलक संपन्न होगा।
ऐसे होगा भव्य आयोजन का क्रम
- सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक रामलला का भव्य अभिषेक किया जाएगा।
- 10:40 बजे मंदिर का पर्दा गिराया जाएगा।
- 10:40 से 11:45 बजे तक रामलला का विशेष श्रृंगार होगा।
- 11:45 बजे रामलला को भोग अर्पित किया जाएगा।
- ठीक 12:00 बजे भगवान सूर्य नारायण की किरणें रामलला के ललाट पर तिलक करेंगी।
श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय क्षण
इस अद्भुत आयोजन के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचेंगे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में सूर्य तिलक का यह आयोजन आध्यात्मिक और वैज्ञानिक समन्वय का दुर्लभ उदाहरण होगा। जब भुवन भास्कर भगवान सूर्य स्वयं अपने कुल में जन्मे भगवान राम के ललाट का तिलक करेंगे, तो यह दृश्य हर भक्त के लिए जीवन भर की स्मृति बन जाएगा।













