उत्तराखंड के चंपावत स्थित उत्कृष्ट जीआईसी स्कूल में इन दिनों कुछ ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिससे छात्र और उनके परिजन बुरे दिखते हैं। दरअसल, मंगलवार को स्कूल के कुछ होस्ट बेहोश हो गए, फिर इसी बुधवार को भी हुआ। इस तरह एक-एक कर 29 होस्ट और 3 छात्र बेहोश हो गए। घटना के बाद दृष्टांत जहां इसे दैवीय प्रकोप बता रहे हैं, वहीं शिक्षा विभाग ने इसे मास हिस्टीरिया की घटना कहा है।
9वीं से 12वीं तक के होस्ट चिल्लाने लगे
शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से छात्रों-छात्राओं की निगरानी के लिए कहा है। मामला रीठा साहिब में स्थित है। मंगलवार को यहां इंटरवल के बाद स्थिति बनी हुई थी। केवल नौवीं से इंटर के 24 होस्ट एक-एक कर चिल्लाने लगे। स्कूल में डर का माहौल बन गया। रोने के बाद लड़कियां बेहोश हो गईं, हालांकि पानी पीने के बाद उनकी हालत सामान्य हो गई।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
बताया जा रहा है कि बुधवार को भी ठीक ऐसी ही घटना हुई। स्कूल में पढ़ने वाले 5 होस्ट बेहोश हो गए। मामला गंभीर है, वो इसलिए क्योंकि इस साल जिले के स्कूलों में अचेत होने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले पाटी ब्लॉक में ही रमक और पाटी में भी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। जीआईसी रमक में 39 छात्राओं को भी ऐसे ही दौरे पड़े थे।
बागेश्वर में बेहोशी दिखाई दे रहे थे
इससे पहले बागेश्वर में ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। राजकीय जूनियर हाईस्कूल रैखोली में होस्टेस बेहोश हो रहे थे। स्कूल के मैदान से लेकर मामले में अलग-अलग समय में अचानक से चिल्लाकर दुर्घटना-उतरन गिरने लगी थी। बदवाशी में होस्टों की आवाज में कुछ कहने लगी थी। इस मामले का राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया था। इस साल बागेश्वर जिले में भी ऐसे तीन मामले हैं। शिक्षा विभाग इसे मास हिस्टीरिया का मामला बता रहा है।
चंपावत में हुई घटना को लेकर सीईओ जितेंद्र सक्सेना ने कहा कि रीठा साहिब जीआईसी में दो दिन में 29 छात्राओं और तीन छात्रों को दौरे पड़े हैं। ये दौरे हिस्टीरिया जैसे हैं। छात्रों को कमजोरियों और इलाज के लिए छात्राओं को समझाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया गया है।