यह कार्यक्रम कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन में, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षार्थ ट्रस्ट के संयुक्त प्रयासों से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बालिकाओं को गुड टच-बैड टच, पॉक्सो एक्ट, आत्मरक्षा, पोषण, साइबर सुरक्षा, बाल अधिकार सहित कई संवेदनशील विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
बालिकाओं को मिली महत्वपूर्ण सीख
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने सरल और प्रभावी ढंग से बताया कि किस प्रकार बालिकाएं अपने आसपास के व्यवहार को पहचानकर खुद को सुरक्षित रख सकती हैं। साथ ही पॉक्सो एक्ट के तहत मिलने वाले कानूनी संरक्षण के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। आत्मरक्षा के जरूरी टिप्स और साइबर क्राइम से बचाव के उपायों ने बालिकाओं में आत्मविश्वास भरा।
विशेष उपस्थिति और मार्गदर्शन

इस अवसर पर महिला संरक्षण अधिकारी प्रमिला सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी मनीषा शर्मा, महिला सशक्तिकरण केंद्र की जिला समन्वयक शांति सेठिया, जेंडर विशेषज्ञ दीपिका सिंग, महिला थाना प्रभारी पद्मा जगत, सखी वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक डालिमा गौर, चाइल्ड लाइन टीम, शिक्षार्थ टीम तथा पोटाकबिन की अधीक्षिका एवं शाला स्टाफ उपस्थित रहे।
बालिका जागरूकता की दिशा में मजबूत कदम
शाला परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और विशेषज्ञों से सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया।
शिक्षकों ने भी इस अवसर पर बताया कि
“बालिका जागरूकता का उद्देश्य न केवल सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देना है, बल्कि बेटियों को यह विश्वास दिलाना है कि वे हर परिस्थिति में सशक्त और सक्षम हैं।”
सशक्त बेटियाँ, सशक्त समाज
“मायद नुनी” कार्यक्रम न केवल जागरूकता की एक श्रृंखला है, बल्कि यह सुकमा जैसे संवेदनशील जिलों में बालिकाओं को नई दिशा देने का प्रयास भी है। यह कार्यक्रम समाज को यह संदेश देता है कि यदि बेटियाँ सुरक्षित, स्वस्थ और शिक्षित होंगी, तभी राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल होगा।