दावोस शिखर सम्मेलन आम तौर पर जनवरी में आयोजित हो रहा है लेकिन महामारी संबंधी महामारी संबंधी व्यापकता के कारण ऐसा नहीं पाया गया। इसके पहले साल 2021 की मीटिंग भी ऑनलाइन ही पाई गई थी।
दावोस। स्विटज़रलैंड के हिमीली विरोधी शहर दावोस में सोमवार से वैश्विक नेताओं का बड़ा जामवड़ा शुरू होगा जिसमें भारत के लगभग सौ लोग शामिल होंगे जिनमें हज़ारों प्रतिनिधि वॉल्यूमित दुनिया में सहयोग के विषय पर चर्चा करेंगे। वर्ल्ड इकोनॉमिक प्लेटफॉर्म (डब्ल्यूईएफ) की पिछली वार्षिक बैठक सामान्य चलन से हटकर गत वर्ष मई में आयोजित की गई थी। दावोस शिखर सम्मेलन आम तौर पर जनवरी में आयोजित हो रहा है लेकिन महामारी संबंधी महामारी संबंधी व्यापकता के कारण ऐसा नहीं पाया गया। इसके पहले साल 2021 की मीटिंग भी ऑनलाइन ही पाई गई थी। महामारी से जुड़ी कुछ बंदियों के साथ अब भी टिके रहना, यूक्रेन में युद्ध जारी रहना और भू-राजनीतिक स्थिति के आर्थिक झटके के साथ स्वास्थ्य संकट ने इस बार की दावोस बैठक को काफी दिलचस्प बना दिया है।
सोमवार से शुरू होने वाली बैठक के लिए अगले पांच दिनों में लगभग 50 प्रशासकों एवं राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने की उम्मीद है। भारत की तरफ से इसमें चार केंद्रीय मंत्री- मनसुख मंडाविया, अश्विनी वैष्णव, स्मृति ईरानी और आर के सिंह के अलावा महाराष्ट्र के अंक एकनाथ शिंदे भी शामिल होंगे। कई अधिकारी और व्यवसायी व्यवसाय भी इसमें मौजूद होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कर्नाटक के बी एस बोम्मई भी इस बैठक में जाने वाले थे, लेकिन अब उनके शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना नहीं है। हालांकि सांसद सांसद राघव चड्ढा, रोजगार के मंत्री टी रामाराव और तमिलनाडु के मंत्री थंगम थेनारासु दावोस पहुंच चुके हैं।
ज्येष्ठ जगत के दिग्गजों में गौतम अडानी, संजीव बजाज, कुमार मंगलम बिड़ला, एन चंद्रशेखरन, नादिर डोरेज, अजीत गुलाबचंद, सज्जन जिंदल, सुनील मित्तल, रोशन नादर मल्होत्रा, नंदन ब्लूकणि, अदार पूनावाला, रिषद प्रेमजी और सुमंत सिन्हा के सम्मेलन में शामिल हुए। की संभावना है। दावोस बैठक में दुनिया भर के नेताओं से तीव्र आर्थिक, ऊर्जा और खाद्य संकट दूर करने के लिए और अधिक दायरे एवं जुझारू दुनिया के लिए जमीनी स्तर पर काम करने का आह्वान किया जाएगा। चीन और जापान सहित एशिया से अच्छी भागीदारी होने की उम्मीद है। डब्ल्यूईएफ की 53वीं वार्षिक बैठक का विषय एक खंडित विश्व में सहयोग होगा। इसमें 130 देशों के 2,700 से अधिक नेताओं को बुलाएंगे जिनमें 52 राष्ट्र-प्रमुख एवं शासन-प्रमुख भी होंगे।
इसमें शिरकत करने वाले शीर्ष राजनीतिक नेताओं में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, यूरोपीय आयोग के प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लिएन, यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रॉबर्टा मेटसोला, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक-योल, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल एम रामफोसा, स्पेन के प्रधान मंत्री पेड्रो सांचेज और स्विस राष्ट्रपति एलेन बर्सेट शामिल हैं। डब्ल्यूईएफ के संस्थापक एवं कार्यकारी क्लॉस श्वाब ने कहा, हम पहली बार राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक शक्तियों को वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर विखंडन करते हैं। भरोसे में आई इस गिरावट की वास्तविक वजह को दूर करने के लिए हमें सरकार और व्यापार क्षेत्रों के बीच सहयोग बढ़ाने की जरूरत है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।