लेटेस्ट न्यूज़

गैर-संबंध से खास तौर से सुरक्षित हैं घड़ियाल; जानकारी के लिए दवा बनाने में मिल मदद कर सकता है

‘नेचर कम्युनिकेशन्स’ में हाल ही में प्रकाशित हमारे अध्ययनों में खारे पानी के घड़ियालों में मिलने वाले उदासीन प्रोटीन ‘अंतर’ खोजे गए हैं। यह प्रोटीन घड़ियाल में संक्रामक बीमारियों से लड़ने/बचाव में मुख्य भूमिका निभाता है।

पृथ्वी पर लाखों सालों से घड़ियालों के अलग-अलग आवास बन रहे हैं और अपनी इस यात्रा में वे बेहद खास तरीके की रोग-प्रतिबद्धता क्षमता विकसित कर लेते हैं, जो उन्हें दलदलों और अन्य जलस्रोतों में अपने कारकों में मौजूद खतरों से बचाने में मदद करते हैं। । ‘नेचर कम्युनिकेशन्स’ में हाल ही में प्रकाशित हमारे अध्ययनों में खारे पानी के घड़ियालों में मिलने वाले उदासीन प्रोटीन ‘अंतर’ खोजे गए हैं। यह प्रोटीन घड़ियाल में संक्रामक बीमारियों से लड़ने/बचाव में मुख्य भूमिका निभाता है।

जैसे-जैसे एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी प्रभावों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए और प्रभावी उपचार की हमारी आवश्यकता भी बढ़ रही है। क्या इन घड़ियालों में मिलने वाले डिफेंसिन प्रोटीन इन सवालों का जवाब देते हैं और जीवन रक्षक दवाएं विकसित करने में संतुष्ट होंगे? डिफेंसिंस क्या है ? रक्षात्मक धारणाओं और धारणाओं में बेहद कम मात्रा में प्रोटीन बनने वाला है। क्रोमो में सामान्य रूप से रक्षात्मक पौधे और पत्ते बनते हैं जबकि मनुष्यों में यह श्वेत रक्त कणिकाएं और म्युकस झिल्लियां (फेंफड़े और आंतों की झिल्लिएस) बनती हैं।

उनकी भूमिका संक्रामक हानिकारकों को मारने से शरीर की रक्षा होती है। पहलुओं और विभिन्न पहलुओं में मिलने वाले डिफेंसिन्स के अध्ययन से पता चला है कि वे विकार फैलाने वाले तमाम लोग आपस में लड़ सकते हैं। इन कारकों में बैक्टीरिया (जीवाणु), फंगस, वायरस (विषाणु) और कैंसर के झटके भी शामिल हैं। डेफिनेस इन झूठों को सामान्य तौर पर अपनी कप़टियों पर आवरण दिखाते हैं। डिफेंसिन इन प्रोटोकॉल्स के संपर्क में आने के बाद उनका प्रोटोकॉल प्रोटोकॉल में छेद कर देता है, जिससे कोशिकाओं के अंदर सूक्ष्मांग आदि लीक होने लगते हैं और समाप्त हो जाते हैं: वह मर जाता है।

घड़ियालों के डिफेंस में खास क्या है? घड़ियालों को बिरले ही संक्रमण होता है, जबकि घड़ियालों में रहने के बावजूद शिकार करने और अपने-अपने क्षेत्रों के अधिकारों की लड़ाई के दौरान वे अकसर घायल होते हैं। यह बताता है कि घड़ियालों से रोग संबंधी क्षमता मजबूत होती है। हम और बेहतर तरीके से ढूंढना चाहते हैं कि इन कठिन जगहों पर उनकी रक्षा करने के क्रम में समय के साथ-साथ डिफेंसिंस का विकास कैसे हुआ।

खारे पानी के घड़ियालों के पर्दे के अध्ययन करने के क्रम में हमें एक विशेष रक्षात्मक ‘सीपीओबीडी13’ का पता चला है जो कैंडीडा एलबीकान्स जैसे फंगस को प्रभावी तरीके से मार सकता है। कैंडीडा एलबीकांस दुनिया भर में एजिंग में फंगस से होने वाली बीमारियों का मुख्य कारक है। हालांकि, पहले भी कैंडीडा एल्बीकान्स को कुछ संरचनाओं और व्यक्तियों के प्रतिरक्षकों को अस्पष्ट देखा गया है, लेकिन ‘सीपीओबीडी13’ के इस फंगस को मारने का तरीका विशेष बना देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ‘सीपीओबीडी13’ अपने आसपास के माहौल के पीएच के आधार पर अपनी गतिविधियों का स्व-नियमन कर सकता है।

उदासीन (जैसे, रक्त का पीएच) डिफेंसिन अक्रिय रहता है। लेकिन, संक्रमण की जगह पर ही वह सक्रिय हो जाता है और संक्रमण से मुकाबला करता है क्योंकि वहां का वर्ण और निर्दिष्टीकरण होता है। रक्षा में ऐसी स्थिति पहली बार देखी जाती है। हमारी टीम एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी प्रक्रिया का उपयोग करके सीपीओबीडी13 की संरचना का पता लगाकर उसकी गतिविधियों को खोजती है। क्या फंगस मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए वास्तव में खतरा है?

जीवाणुओं और विषाणुओं से होने वाले संक्रमण का संचरण, विषाणुओं के जीवाणुओं या विषाणुओं के कारण होने वाले विषाणुओं के कारण होता है। सच तो यही है कि आम तौर पर फंगस को खिलाड़ियों के बादलों और संदेशों आदि में संक्रमण के रूप में देखा जाता है, जो जानबूझ कर नहीं होते हैं। लेकिन फंगस मनुष्य के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, विशेष रूप से उन लोगों को रोग संबंधी क्षमता कमजोर है। दुनिया भर में हर साल वायरस से करीब 15 लाख लोगों की मौत होती है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page