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जॉर्ज सोरोस भाग V | जॉर्ज सोरोस ने परिजन देशों को बनाया निशाना, राष्ट्रवादियों से लड़ने के लिए विश्वविद्यालय

प्रभासाक्षी

अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर राजनीति को आकार देने और शासन परिवर्तन को वित्तपोषित करने के लिए अपने धन और प्रभाव का उपयोग करने का आरोप लगाया जा रहा है।

सोरोस को चीन, भारत के नरेंद्र मोदी, ब्लादिमीर छाया, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड प्रथम जैसे नेता पसंद नहीं हैं। उन्होंने ट्रंप को निशाने पर लिया और पीएम मोदी को डोनाल्ड डिक्टेटर कहा था। उन्होंने दुनिया में ‘राष्ट्रवाद’ के बायर से लड़ने के लिए लगभग 100 अरब डॉलर के फंड की स्थापना की है। इन फंड का इस्तेमाल इन लोगों के खिलाफ रेकॉर्ड फैलाने के लिए किया जाता है। दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोटोग्राफी में उन्होंने कहा था कि दुनिया में राष्ट्रवाद तेजी से बढ़ रहा है। इसका सबसे खतरनाक परिणाम भारत में देखने को मिला है।जॉर्ज सोरोस को बैंक ऑफ इंग्लैंड को तोड़ने वाले के रूप में जाना जाता है। यूनाइटेड किंगडम के लिए बैंक ऑफ इंग्लैंड वही है जो भारत के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) है।

राष्ट्रवादियों से लड़ने के लिए विश्वविद्यालय

अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस पर राजनीति को आकार देने और शासन परिवर्तन को वित्तपोषित करने के लिए अपने धन और प्रभाव का उपयोग करने का आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने 2020 में राष्ट्रवाद के प्रसार से निपटने के लिए एक नए विश्वविद्यालय नेटवर्क को वित्तपोषित करने के लिए 100 करोड़ देने का वचन दिया था। वे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड समीक्षक हैं। 2020 में सोरोस ने दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोटोग्राफी (WEF) में एक कार्यक्रम को संदेश देते हुए मोदी सरकार की खिंचाई करते हुए कहा था कि राष्ट्रवाद आगे बढ़ रहा है और भारत में “सबसे बड़ा झटका” देखा गया। ग्लोबल लीडर्स पर हमला करते हुए सोरोस ने कहा था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर वस्तुतः दुनिया की सबसे मजबूत शक्तियाँ-अमेरिका, चीन और रूस तानाशाहों के हाथों में हैं और सत्ता पर कब्जा रखने वाले शासकों में अभी हो रहा है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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