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भाजपा और संघ की मंशा बहुत खतरनाक, समय रहते समझें देश : गहलोत

इसके साथ ही भोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अडाणी को लेकर कांग्रेस द्वारा जा रहे सवालों पर अपना मौन तोड़ना चाहिए। गहलोत बीकानेर के जसरासर में आयोजित किसानों के सम्मेलन को संदेश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कांग्रेस मुक्कत भारत की बात करते हैं इसके अतिरिक्त कारण हैं।

राजस्थान के अशोक गहलोत ने केंद्र में खींची भारतीय जनता (भाजपा) एवं राष्ट्रीय दायित्व पार्टी स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर ध्यानते हुए बुधवार को कहा कि उनका मन बहुत खतरनाक है जिसे देश को समय देना होगा। इसके साथ ही भोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अडाणी को लेकर कांग्रेस द्वारा जा रहे सवालों पर अपना मौन तोड़ना चाहिए। गहलोत बीकानेर के जसरासर में आयोजित किसानों के सम्मेलन को संदेश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कांग्रेस मुक्कत भारत की बात करते हैं इसके अतिरिक्त कारण हैं।

उन्‍होंने कहा,’.. इसके अलावा क्या हुआ… एक शासन.. बहुत खतरनाक मंशा पार्टी है.. आरएसएस की भी.. भाजपा की भी। अगर देश नहीं समझा समय पर (तो) आने वाली पीढ़ियां छोटी, रशिया (रूस) की तरह.. चीन की तरह चुनाव तो होंगे.. पकना चुनाव होंगे.. एक पार्टी वहां पर होगी.. एक पार्टी आप में ही चुनाव लड़ेगी नाटक और सत्ता में बार बार आएंगे।’ उन्होंने कहा, ”आज हम जो गरीब से गरीब, दलिया के घर भी चले जाते हैं, किसानों के घर भी चले जाते हैं.. पालकी के पैर छूते हैं.. विधायक, सांसद, सरपंच बनने के लिए.. सारी बातें खत्म हो जाएंगी।

‘ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का जो अहम चल रहा है देश के अंदर वो खतरनाक मोड़ ले रहा है.. समझने की कोशिश करेंगे। गहलोत ने मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में गृहमंत्री शिवराज पाटिल और कानून मंत्री अश्वनी कुमार के विचारों का जिक्र करते हुए उद्योगपति अडाणी के साथ अपने रिश्तेदारों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज में गठबंधन की बात छोड़ो, कांग्रेस के नंबर एक नेता (मल्लिकार्जुन) खरगे और राहुल गांधी ने संसद में आरोप लगाए.. मोदी जी ने कहा अडाणी से क्या रिश्ता है… क्या यह धर्म नहीं है सत्ता पक्ष का कि प्रधानमंत्री उन्हें जवाब दें, .. कुछ भी दो आपकी मर्जी है.. यह तो कहें मेरा रिश्ता है.. मेरा रिश्ता नहीं है.. आप गलत हैं.. आप आरोप लगा रहे हैं.. कुछ तो कहो।”

गहलोत ने कहा, ”.. यह पहला मौका है देश के भीतर मुख्यमंत्री ने मौन धारण कर रखा है अडाणी जी के नाम पर … बताई गई ये लोकतंत्र में अच्छी बात है क्या।” राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के मामले में गहलोत ने संसद से नाराजगी का आरोप लगाया। विधानसभा को हरियाणा के पूर्व महामंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस प्रदेश प्रभार सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व मंत्री लालचंद कोटरिया ने भी भेजा।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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