
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर | सनातन संस्कृति में गौ माता को कामधेनु का स्थान प्राप्त है – वह कामधेनु जो सभी देवी-देवताओं का वासस्थान मानी जाती है और जिसकी सेवा को धर्म से जोड़ा गया है। परंतु आज गौ माता पर हो रहे अत्याचारों और बढ़ती तस्करी को लेकर छत्तीसगढ़ शिवसेना ने कड़ा विरोध जताते हुए “गौ रक्षा हेतु महा हस्ताक्षर अभियान” चलाया है।
शिवसेना के प्रदेश संयोजक धनंजय सिंह परिहार ने कहा कि –
“गौ माता को सड़कों पर भटकने के लिए मजबूर कर दिया गया है। तस्करी और गौ मांस का व्यापार आज खुलकर हो रहा है। यह हिन्दू समाज की धार्मिक भावना और सभ्यता पर कुठाराघात है।”
सरकार से शिवसेना की प्रमुख माँगें:
गौ माता को “राजकीय पशु” घोषित किया जाए।
गौ हत्या को IPC की धारा 302 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाए।
गाँव-गाँव में बने गौठानों में “गौ सेवक” की कलेक्टर वेतनमान पर नियमित नियुक्ति की जाए।
गौ तस्करी में प्रयुक्त वाहनों को जब्त कर राजसात किया जाए।
गौ हत्या या तस्करी करते पाए जाने पर अपराधियों को फाँसी की सजा दी जाए।
प्रदेश के सभी जिलों में “गौ रक्षा केंद्र” स्थापित किए जाएँ।
सड़कों पर घूम रही गौ माताओं को सरकारी स्तर पर गौशालाओं में पहुँचाया जाए।
गौ माता को सड़कों पर छोड़ने वाले व्यक्तियों पर ₹50,000 का दंड लगाया जाए।
शिवसेना कार्यालय –
व्यावसायिक परिसर, धीरे कॉलोनी, रायपुर (छत्तीसगढ़)
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