
UNITED NEWS OF ASIA. रुपेश साहू, गरियाबंद (छुरा)। किशोरों की भावनात्मक स्थिति और पारिवारिक संवाद की कमी से जुड़े गंभीर सवाल एक बार फिर सामने आए हैं। ऐसा ही एक मामला उड़ीसा के कंधमाल जिले से आया, जहां पिता की डांट से आहत एक 14 वर्षीय नाबालिग स्कूटी से अकेले हैदराबाद जाने निकल पड़ा। हालांकि, छत्तीसगढ़ पुलिस की सतर्कता के चलते उसे गरियाबंद जिले के कोसुमबुडा चेक पोस्ट पर रोक लिया गया और सुरक्षित उसके घर भेज दिया गया।
यात्रा के दौरान पकड़ा गया नाबालिग
बीती रात छुरा थाना क्षेत्र के कोसुमबुडा चेक पोस्ट पर नियमित चेकिंग के दौरान पुलिस को स्कूटी चलाते हुए एक नाबालिग मिला। पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह पिता की डांट से दुखी होकर घर से भाग निकला था और बिना किसी योजना के स्कूटी से हैदराबाद जाने की कोशिश कर रहा था।
पुलिस ने निभाई जिम्मेदारी
गरियाबंद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उड़ीसा के कंधमाल जिले में उसके परिजनों से संपर्क किया और मामले की जानकारी दी। इसके बाद उड़ीसा पुलिस के सहयोग से कानूनी प्रक्रिया पूरी कर नाबालिग को सुरक्षित उसके परिवार को सौंप दिया गया। इस दौरान उड़ीसा थाना सदर से उनि सबीत बेहरा की उपस्थिति में आवश्यक कार्रवाई पूरी की गई।
पुलिस कर्मियों की अहम भूमिका
इस पूरे घटनाक्रम में आर. 675 रामेश्वर नेताम की भूमिका सराहनीय रही। उन्होंने न केवल बच्चे को रोका बल्कि उसके परिजनों से समन्वय स्थापित कर उसे घर भेजने में मदद की। बच्चे के सुरक्षित लौटने पर उसके परिवार ने पुलिस का आभार जताया और राहत की सांस ली।
अभिभावकों के लिए पुलिस की अपील
इस घटना के बाद पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों से खुलकर संवाद करें, उनकी भावनाओं को समझें और उन्हें विश्वास में लें, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। सही समय पर सकारात्मक बातचीत और मार्गदर्शन से बच्चों को इस तरह के कदम उठाने से बचाया जा सकता है।













