लेटेस्ट न्यूज़

जी-7 देशों ने संबंध संबद्धता, शून्य कार्बन संबंधों की ओर तेजी से कदम उठाने का आह्वान किया

G-7 के अधिकारियों ने उत्तरी जापान के सापोरो शहर में एक व्यापक विज्ञप्ति के बाद बातचीत की। 36 दस्तावेजों का यह दस्तावेज जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले तैयार किया जा सकता है। जापान ने अपनी खुद की राष्ट्रीय विद्युत रणनीति के लिए जी-7 देशों का समर्थन किया।

सात अमीर देशों के समूह ‘जी7’ के ऊर्जा और पर्यावरण मंत्रियों ने स्वच्छ एवं स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से कदम उठाने का आह्वान किया, लेकिन कोयला आधारित संयंत्रों को बंद करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की। जी-7 देशों के नेताओं ने रविवार को दो दिवसीय बातचीत की। G-7 के अधिकारियों ने उत्तरी जापान के सापोरो शहर में एक व्यापक विज्ञप्ति के बाद बातचीत की। 36 दस्तावेजों का यह दस्तावेज जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले तैयार किया जा सकता है। जापान ने अपनी खुद की राष्ट्रीय विद्युत रणनीति के लिए जी-7 देशों का समर्थन किया।

इस नीति में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए शुद्ध स्वच्छ कोयला, चक्र ईंधन और परमाणु ऊर्जा का उपयोग किया गया है। नाटकीय रूप से कहा जाता है, ”मौजूदा वैश्विक विद्युत संकट और आर्थिक बाधाओं को देखते हुए हम 2050 तक जीरो गैस गैस उर्त्सजन के लिए स्वच्छ ऊर्जा संबंधों के प्रयासों को गति देने की पुष्टि करते हैं।” इसमें कहा गया है कि जी -7 नेताओं ने प्रभावी, किफायती और विविध ऊर्जा जुड़ाव का पता लगाने की महत्ता पर जोर दिया है।

इसका आह्वान तब किया गया है, जब चीन और अन्य विकसित देशों ने यूक्रेन पर रूस के युद्ध से संबंधित बाधाओं के बीच ऊर्जा कार्य और आपूर्ति को स्थिर करने और चित्र ईंधन के उपयोग में कमी लाने और मदद की मांग को तेज कर दिया है। बहरहाल, कोयला आधारित ऊर्जा संयंत्रों को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के लिए समय सीमा तय करने का काम लंबे समय से अटका हुआ है। जापान अपने एक-तिहाई विद्युत उत्पादन के लिए घटकर समाप्त हो गया है और वह शुद्ध प्राकृतिक कोयले के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। रविवार को जारी किए गए दस्तावेज़ में कार्बन दस्तावेज़ कम करने की आवश्यकता दोहराई गई है।

दुनिया के करीब 40 प्रतिशत आर्थिक प्रणाली और एक-दूसरे से जुड़े कार्बन G-7 देशों में होता है। संयुक्त राष्ट्र की लाइव ग्राम्य वार्ता के लिए मनोनीत राष्ट्रपति सुल्तान अब जाबेर ने एक बयान जारी कर जी-7 देशों से विकसित देशों को जीवाष्म ईंधन को स्वच्छ ऊर्जा दत्तक छोड़ने के लिए अधिक वित्तीय सहयोग देने का अनुरोध किया। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इसासियो लुला डी सिल्वा ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, ”हम बहुत चिंतित हैं कि विकसित देशों द्वारा जारी किए गए खाते प्रति वर्ष 100 अरब डॉलर की बकाया राशि से कम हो रही है। ”

लुला ने शुक्रवार को बीजिंग में चिनफिंग से मुलाकात की थी। भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट किया कि आर्थिक विकास विनाश के खिलाफ प्रथम सुरक्षा कवच है। उन्होंने कहा, ”इससे ​​भारत जैसे देशों को अपने लोगों के लिए आवश्यक विकास हासिल करने का मौका मिलेगा, जिससे वृक्षारोपण परिवर्तन, पर्यावरण शामिल करना और प्रदूषण के खिलाफ आवश्यक सुरक्षा होगी।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page