जी20 बैठक में प्रमुख अजेंडा रहा है कि डिजिटल हेल्थ कैसे दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे और इस क्षेत्र में भारत की बड़ी भूमिका है। भारत की अगुआई से दुनिया को बड़ी उम्मीद है।
हैदराबाद में जी20 के तीसरे स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक में कोविड के दौरान भारत की भूमिका का संचालन किया गया। इस बैठक में जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव पर भी चर्चा हुई। मीटिंग में बैक्टीरिया और वायरस के प्रति विरोध का भी जिक्र हुआ। कोविड-19 का जिक्र कर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूडब्ल्यूसी) के प्रमुख साइंटिस्ट जेरेमी फर्रार ने कहा कि तीन साल के कठिन समय में भारत ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। वैक्सीन, ड्रग्स बनाने की दिशा में भारत वैश्विक स्तर पर अगुआई कर रहा है। चिकित्सीय जांच (डायग्नोस्टिक) के क्षेत्र में नई तकनीक दूसरे देशों के लिए भी लाभ साबित हो रही हैं। जी20 बैठक में प्रमुख अजेंडा रहा है कि डिजिटल हेल्थ कैसे दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे और इस क्षेत्र में भारत की बड़ी भूमिका है। भारत की अगुआई से दुनिया को बड़ी उम्मीद है।
भारत बायोटेक के प्लांट वैली का दौरा किया
जी20 इंडिया का तीसरा स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने अपनी यात्रा के दौरान भारत बायोटेक की स्थिति घाटी संयंत्र से प्रभावित होते हुए इसे शाइनिंग स्टार करार दिया। सुविधा के दौरे के दौरान प्रतिनिधियों ने समझा और देखा कि टीके कैसे बनाए जाते हैं। भारत बायोटेक ने देश का पहला स्वदेशी एंटी-कोविड वैक्सीन- कोवाक्सिन का उत्पादन किया। यूके से अलेजांद्रो बियोन्डी रोड्रिगेज ने कहा कि यह वास्तव में बहुत अच्छा पाया गया था। हम आतिथ्य के लिए सर्वज्ञ हैं और कार्रवाई में बहुत सारी तकनीक को देखकर बहुत अच्छा लगा। जी20 ग्लोबल इनोवेशन हब के एक अन्य प्रतिनिधि एबेले एंडी ने भारत बायोटेक की पूरी यात्रा की कहानी को आकर्षक और प्रेरक पाया।
विदेशी प्रतिनिधियों ने देखा, कैसे बनता है टीका
बैठक के तीसरे और आखिरी दिन विदेशी प्रतिनिधियों ने आवास घाटी का दौरा कर वैक्सीन बनने की प्रक्रिया को समझा। देश का पहला स्वदेशी वैक्सीन वैक्सीन यहां की ‘भारत बायोटेक’ कंपनी बनी थी। इसी वैली में बॉयोमेडिकल रिसर्च के लिए शॉकर और नैशनल एनिमल रि फैन टैसिलिटी का सेंटर बना है, जो 2022 में शुरू हुआ। यहां पर दवा और वैक्सीन का जीव जंतुओं पर परीक्षण होता है। इस घाटी का नाम एशिया के टॉप लाइफ फिल्मों में शामिल है क्योंकि यहां से 100 से ज्यादा देशों को वैक्सीन दी जाती है। इसी घाटी में दुनिया की एक तिहाई वैक्सीन बनाई जा रही है।