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बिना नाम के लिए फंकी गांधी ने कसा अतीक की हत्या पर तंज, कहा- सियासी मकसद से कानून के राज से खिलवाड़ करना लोकतंत्र के लिए सही नहीं

अतीक अहमद दशकों तक उत्तर प्रदेश के लोगों के जंगलों में आतंक मचाने वाले दमन से नेता बने और जो शनिवार को यूपी के प्रयागराज में अपने भाई अशरफ के साथ मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय मारे गए। तीन हमलावरों ने अतीक और उनके भाइयों को दवा पिलाई।

नई दिल्ली। अतीक अहमद दशकों तक उत्तर प्रदेश के लोगों के जंगलों में आतंक मचाने वाले दमन से नेता बने और जो शनिवार को यूपी के प्रयागराज में अपने भाई अशरफ के साथ मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय मारे गए। तीन हमलावरों ने अतीक और उनके भाइयों को दवा पिलाई। पूरी तस्वीर मीडिया के कैमरे में कैद हो गई। माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या करने वाले जाने के एक दिन बाद कांग्रेस की प्रेमिका की फोटो गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि देश के कानून के तहत अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए और सियासी मकसद से कानून का राज और भ्रम प्रक्रिया से सिनेमाघर बनाना लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।

सटीक गाधी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल

अतीक (60) और उनके भाई अशरफ की शनिवार की रात अज्ञात हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सा जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी। पापाराजी के भेष में तीन हमलावरों ने अतीक और उसके भाई को उस समय बहुत करीब से मार दिया, जब वे मीडिया में आने से बातचीत कर रहे थे, जबकि उनके चारों ओर पुलिस कर्मियों का पहरा था। इस हत्याकांड का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें तीन साथी दोनों भाइयों को गोली मारते हुए दिखाई दे रहे हैं और गोली लगते ही दोनों जमीन पर गिर जाते हैं।

फनी ने किसी के नाम के लिए ट्वीट किया

यूनिक ने किसी के नाम के लिए ट्वीट किया कि देश के कानून के संविधान में लिखा गया है और कानून सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, “अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसे देश के कानून के तहत दी जानी चाहिए।” किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और व्यस्तता प्रक्रिया से क्लिपवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “जो भी ऐसा करता है, या ऐसा करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से कानून लागू होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का एकबाल जगमगाता है, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए।” अहमद और उसके भाई अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के मामले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था। झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस में मारा गया। असद का शव शनिवार सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चिपकाया गया था।

कौन था अतीक अहमद?

अतीक अहमद पर हत्या का आरोप तब लगाया गया था जब वह सिर्फ 17 साल का था। अपराध चार्ट पर छाया के बाद, वह दशक क्षेत्र – फूलपुर – का सांसद बन गया, जिसका भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने प्रतिनिधित्व किया था। दशकों तक उत्तर प्रदेश के लोगों के जंगलों में आतंक मचाने वाले दबंगों से नेता बने और जो शनिवार को यूपी के प्रयागराज में अपने भाई अशरफ के साथ मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय मारे गए। अतीक अहमद पर चार दशक में जबरन हथियाने, अपहरण और हत्या सहित 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि अतीक अहमद 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के चश्मदीद उमेश पाल की 24 फरवरी, 2022 को हत्या के बाद खबरें आईं, लेकिन उत्तर प्रदेश पर उनके अपराध की छाया बहुत बड़ी थी। लगभग चार दशकों तक अतीक ने अपराध और राजनीति की दुनिया में कदम रखा था। वह एक गरीब परिवार में पैदा हुआ था और अपराध की दुनिया में उसकी यात्रा तब शुरू हुई जब वह बहुत छोटा था। अपने प्रचारकों को मुकदमों में जुड़ने के लिए जाने वाले उनके माता-पिता के गांव ने उन्हें एक निर्मम व्यक्ति के रूप में याद किया जो गवाहों को रिश्वत देते थे, वे धमकते थे और हमेशा कानून से बचते थे।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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