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दोस्त सऊदी अरब ने बुरे वक्त में पाकिस्तान छोड़ा, कहा कर्ज नहीं दूंगा-बुरे वक्त में दोस्त सऊदी अरब ने छोड़ा पाकिस्तान का साथ, कहा ‘नहीं कर्ज देंगे’!

छवि स्रोत: फ़ाइल
खराब वक्त में दोस्त सऊदी अरब ने छोड़ा पाकिस्तान का साथ, कहा कर्ज नहीं देंगे!

पाकिस्तान-सऊदी अरब: कंगाल हालत से पाकिस्तान का दस्तावेज नहीं बन रहा है। देश की आर्थिक स्थिति के बीच राजनीतिक रसाकशी डावाडोल है। बाउल कर्ज़ लेकर की भी छवि का चिचि अभी भी जारी है। पाकिस्तान को कर्ज की जरूरत पड़ने पर उसके दोस्त और बड़े मुस्लिम देश सऊदी अरब ने उसका साथ दिया। लेकिन इस बार कहानी कुछ अलग है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को किसी तरह का बेलआउट या बिना किसी तरह का कर्ज देने से इनकार कर दिया है। अपने मुस्लिम दोस्त के इस फैसले से पाकिस्तान हैरान है।

बिना कर्ज के कर्ज देने के लिए सऊदी अरब मना करने के फैसले पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री भी हताशा भरे बयान दे रहे हैं। पाक के वित्त मंत्री इशाक डार शिकायत कर रहे हैं कि दोस्त देश भी पाकिस्तान को आर्थिक संकट से बाहर आने में मदद करने के लिए बीच में नहीं हैं। दिवालियापन से बचने के लिए पाकिस्तान को बड़े कर्ज की जरूरत है। देश का विदेशी मुद्रा विक्रेता वर्तमान में केवल 3 करोड़ डॉलर ही बचा सकता है।

खराब क्रेडिट रैंकिंग को लेकर पाकिस्तान की चिंता

पाकिस्तान 1980 के दशक से अपने 13वें बेलआउट पैकेज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ ‘कठिन बातचीत’ में फंसा है। अगर जल्द ही कोई समझौता नहीं किया गया तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय कर्ज हासिल करना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि उसकी क्रेडिट रेटिंग खराब हो जाएगी। इस बारे में दस्तावेज़ का कहना है कि सऊदी अरब ने चालू खाता घाटे में भारी कमी के साथ सख्ती और समझौते सुधारों को लागू करते हुए पाकिस्तान के सामने नए ब्याज वाले कर्ज और निवेश की रखी हैं। ये आई फ़ॉर्मा के समान हैं।

पाकिस्तान की सेना के प्रमुख भी ‘बेअसर’

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किंग फैसल सेंटर फॉर रिसर्च एंड इस्लामिक स्टडीज के एसोसिएट फेलो उमर करीम का कहना है कि पाकिस्तान के अधिकारी सदमे में हैं। अब तक सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी देश के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के एक फोन कॉल पर पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आ रहे थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिख रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की सेना के प्रमुख भी सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पाकिस्तान की आर्थिक मदद के लिए राजी नहीं कर सकते।

सऊदी अरब ने बोली नीति

जनवरी में दावोस में वैश्विक इकोनॉमिक फ्युरेशन में सऊदी अरब के वित्त मंत्री ने देश की नई आर्थिक नीति को स्पष्ट कर दिया। मोहम्मद अल-जादान ने कहा, ‘हम बिना किसी शर्त के सीधे अनुदान और जमा राशि देते हैं लेकिन हम इसे बदल रहे हैं। हम अपने लोगों टैक्स पर लगे हैं, हम दूसरों से भी ऐसा ही करने की उम्मीद कर रहे हैं।

ठंडा है कि पाकिस्तान आर्थिक संकट से जकड़ा हुआ है। राजनीतिक उठापटक, चमक बाढ़ और लगातार बढ़ते कर्ज के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का काम बिगड़ गया है। हालत यह है कि इस देश के लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। क्षोपा दाल की किल्लत, बिजली गुल होना, पेट्रोल के डैम स्काई चक जैसे इस देश की अवाम पर कहर बन गया है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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