छत्तीसगढ़

पेट हेल्थ क्लीनिक में 15 अगस्त को कुत्तों का नि:शुल्क एंटी रेबीज टीकाकरण एवं पौध वितरण

रेबीज जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर 21वां वार्षिक आयोजन

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । शंकर नगर स्थित “पेट हेल्थ क्लीनिक” में 15 अगस्त 2025 को कुत्तों के लिए नि:शुल्क एंटी रेबीज टीकाकरण एवं फलदार पौध वितरण का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम लगातार 21वें वर्ष आयोजित हो रहा है। आयोजन का समय सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक रहेगा।

डॉ. पदम जैन ने बताया कि यह वार्षिक कार्यक्रम लोगों में रेबीज के प्रति जागरूकता बढ़ाने और पालतू जानवरों के स्वास्थ्य संरक्षण के उद्देश्य से किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से लाभार्थियों को टीकाकरण के साथ-साथ फलदार पौधे भी प्रदान किए जाते हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा सके। इस वर्ष नेचर एंड हेल्थ वेलफेयर सोसायटी ने इस आयोजन में सहयोग किया है।

रेबीज एक घातक और लाइलाज बीमारी है, जो मनुष्यों, पालतू और जंगली जानवरों को समान रूप से प्रभावित करती है। भारत में हर वर्ष लगभग 20,000 लोगों की मृत्यु रेबीज से होती है, जबकि लगभग 18 लाख लोग पालतू या जंगली जानवरों के काटने के बाद एंटी रेबीज टीका लगवाते हैं। यह रोग मुख्य रूप से संक्रमित कुत्ते के काटने से फैलता है, लेकिन बिल्ली, लोमड़ी, सियार, गाय, घोड़े और अन्य जानवरों के काटने से भी हो सकता है।

रेबीज से बचाव के प्रमुख उपाय:

  • पालतू कुत्ते व बिल्लियों का नियमित एंटी रेबीज टीकाकरण कराएं।

  • जानवर के काटने पर घाव को तुरंत 10 मिनट तक बहते पानी और साबुन से धोएं।

  • टिंचर आयोडिन या स्पिरिट से घाव को साफ करें, मिर्च, चायपत्ती या कोई रसायन न लगाएं।

  • जल्द से जल्द चिकित्सक से परामर्श लेकर एंटी रेबीज वैक्सीन और एंटी सीरम लगवाएं।

डॉ. जैन ने बताया कि रेबीज होने के बाद इसका कोई इलाज संभव नहीं है, इसलिए इसका एकमात्र समाधान समय पर टीकाकरण और जागरूकता है।

 


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