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250 अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों की ठगी, विदेश खुफिया एजेंसी FBI की महिला अधिकारी जानें पूरा मामला

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FBI अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय स्तरों की मसलों की जांच करती है।
मामला अमेरिका के नागरिकों से साइबर ठगी करने का दावा करता है
ठगी के इस एपिसोड को एक रैकेट ने किया था

बहाना। अमेरिकी नागरिकों से ठगी के मामले की जांच में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) भी शामिल हो गई है। ठगी के इस मामले की जांच के लिए एफबीआई की महिला अधिकारी पहुंचती हैं। एफ़बीआई ने अपराध के अधिकारियों से इसकी जानकारी ली है। खासकर रोमांचक कारणों ने पिछले बहलोड़ापुर में ठगी के एक बड़े नेटवर्क को दबोचा था। अंतरराष्ट्रीय ठगों का गुट अमेरिकी नागरिकों के साथ सामान के नाम पर ठगी करता था। अनुमान है कि लगभग सौ से अधिक अमेरिकी नागरिकों को इस गुट ने जाल में फंसाकर ठगी की है।

एफबीआई की महिला अधिकारियों से संपर्क करें

अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) की महिला अधिकारियों ने ठगी मामलों की जानकारी हासिल की। एफबीआई अफ़सर ने घुसपैठियों अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले गुट की जानकारी ली, ठगों के पास से मिले अमेरिकी लोगों के डाटाबेस आदि प्राप्त किए। संकीर्ण का प्रोफाइल, ठगी का तरीका, भ्रामक बैंक सेवाओं के साथ ठगे गए अमेरिकी नागरिकों की सूची हासिल करने की, साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सामान जालसाज तक पहुंचने का तरीका भी जाना गया। FBI की महिला सूचना पूरी जानकारी लेने के बाद शनिवार दोपहर दिल्ली रवाना हुई। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की तरह ही अमेरिका में FBI की गलत खुफिया एजेंसी है। FBI अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय स्तरों की मसलों की जांच करती है।

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करीब सौ सौ अमेरिकी नागरिकों के साथ हुई थी करोड़ों की ठगी

क्राइम क्राइम ने पिछले साल इंटनेशनल ठग गुट पकड़ा था। अज्ञात के बहोड़ापुर इलाके में एक अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था जिसमें 7 ठगों को गिरफ्तार किया गया था। इस खेल में शामिल सभी लोग आगरा और मनपा के रहने वाले थे। गैंग का एक निवासी मास्टरमाइंड, जिस पर पुलिस ने इनाम घोषित किया है। गैट के लोग खुद अमेरिका के लेंडिंग क्लब के मेंबर बताते हैं कि अमेरिकी नागरिक जाल में फंस गए थे। अमेरिकी नागरिकों से उनकी स्थिति संख्या और अन्य जानकारी हासिल करते हैं और फिर उन्हें लाखों रुपए की ठगी कर लेते थे।

शातिराना अंदाज़ में अमेरिकी नागरिकों को शिकार बनाया गया

फर्जी प्रवासी अमेरिकी नागरिकों को फोन करते हैं। जालसाज खुद को अमेरिका के लैंडिंग क्लब के मेंबर स्टेटमेंट्स थे। ठगी बातचीत करने में बहुत सारे संदेश होते थे कि जब अमेरिकी नागरिक फोन पर बात करते थे तो अमेरिकी एसेंट इंग्लिश ही बोलते थे। उनकी बातचीत से अमेरिकी लोग इस बात की भ्रांति नहीं कर रहे थे कि उनकी बात किसी अमेरिकी से नहीं बल्कि जालसाजों से जुड़ी हुई हो रही है। इसके लिए मास्टरमाइंड अपने ठग कर्मचारियों को अमेरिकन एक्सेंट इंग्लिश की कोचिंग करवाते थे। टेलीफोन पर बात कर ये ठग अमेरिकी नागरिकों को गिफ्ट वाउचर के बंधन में अपनी बातों में फंसाकर उनकी प्रतिबद्धताओं सहित अन्य जानकारी हासिल कर लेते थे। उसके बदले में अमेरिकी नागरिकों से कमीशन के रूप में इंटरनेशनल गिफ्ट वाउचर, गीक्स प्ले कार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, सबसे पहले हैरान, वनीला बंज लेकर शॉपिंग के जरिए कैश में प्रीपेड थे।

टैग: एफबीआई, ग्वालियर न्यूज, एमपी न्यूज

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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