बस्ती में धोखाधड़ी का मामला: नौकरी के दौर में सरकारी नौकरी से हाथ-पांव झटके से कम नहीं होता। महिला के साथ ऐसा ही कुछ होने जा रहा है। गणेशपुर आयुर्वेदिक अस्पताल में योग प्रशिक्षिका दीपिका पांडे के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। क्षेत्रीय और आयुर्वेदिक अधिकारियों की जांच में खुलासा हुआ है। दीपिका पांडे ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने की थी। क्षेत्रीय और आयुर्वेदिक अधिकारी की जांच में प्रमाण पत्र पकते पाए गए। शिकायतकर्ता राजेश पांडेय ने महिला के प्रमाण पत्र पर प्रश्न स्वीकार किए थे। शिकायत मिलने के बाद क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी विजय वास्तव में मामले की जांच की।
जांच में महिला के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ
दावा किया गया था कि दीपिका पांडे ने योग प्रशिक्षा की नौकरी पाने के लिए अनुभव प्रमाण पत्र और विश्वविद्यालय के रोजगार एक संस्थान से योग शिक्षकों की स्नातक की डिग्री लगा दी। उन्होंने प्रमाण पत्र को पूर्वाग्रह के लिए दिए गए नियमों के खिलाफ बताया था। राजेश पांडेय ने बताया कि एपिसोड की जानकारी होने पर अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। क्षेत्रीय ग्रीक अधिकारियों ने फर्जीवाड़े की जांच के दौरान आरोप सही पाए। जांच में सामने आया कि दीपिका का प्रमाण पत्र फर्जी है। वे रहने की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजते हैं। अब दीपिका पांडे की नौकरी पर तलवार लटक रही है।
प्रमाण पत्र प्रमाण पत्र सरकारी नौकर
क्षेत्रीय अधिकारी डॉक्टर विजय श्रीवास्तव ने मीडिया को बताया कि शिकायतकर्ता राजेश पांडे ने योग प्रशिक्षिका दीपिका पांडे के प्रमाण पत्र को चुनौती दी थी। अनुभव और योग शिक्षक की डिग्री गलत पाई गई है और मामले में जल्द ही दीपिका की निराशाजनक बातें। वर्तमान में दीपिका पांडेय गणेशपुर आयुर्वेदिक अस्पताल में कार्यरत हैं। काफी दिनों से अस्पताल भी नहीं आ रहे हैं। इसलिए उनका जवाब ही आता है 15 दिन बाद कार्रवाई के विचार।