संदिग्ध मामलों को लेकर भारत अलर्ट मोड पर है। बुधवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। खास बात यह है कि बाद में अधिकारी टीकाकरण की बात करते हैं। मौजूदा, भारत में नागरिकों को कोविड-19 के खिलाफ तीन डोज दिए जा रहे हैं। इनमें से एक प्रिस्कॉशनरी विश डोज भी शामिल है। अब सवाल है कि अब चौथी खुराक की क्या जरूरत है।
भाषा के अनुसार नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने बुधवार को लोगों को टीका लेने और भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क पहनने की सलाह दी। उन्होंने लोगों से घबराहट की अपील की और स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के दिशा-निर्देशों में अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। पॉल ने कहा, ‘लोगों को भीड़-भाड़ वाले दायरे में मास्क लगाना चाहिए। जिन लोगों को पहली बार कोई बीमारी है या बुजुर्ग हैं, उन्हें खासतौर पर इसका पालन करना चाहिए।’
फोर्थ डोज की जरूरत पर मूल बातें
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल विराट (एम्स) के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया अभी चौथे डोज की जरूरत से इनकार कर रहे हैं। इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘कोई भी डेटा नहीं है, जो हो सकता है कि चौथे डोज की जरूरत हो। इसकी जरूरत तब तक नहीं होगी जब तक बाइवेलेंट वैक्सीन किसी खास तरह के लिए कोई नई वैक्सीन नहीं आती।’
बाइवेलेंट कोविड-19 वैक्सीन को एवरेज डोज का अपडेट भी माना जा सकता है। एफडीए यानी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, ‘बायवेलेंट वैक्सीन में कोविड-19 के खिलाफ व्यापक सुरक्षा देने के लिए ओरिजिनिल वायरस स्ट्रेन का कंपोनेंट होता है। और ओमिक्रॉन धारणा से होने वाले COVID-19 से सुरक्षा के लिए ओमिक्रॉन धारणा का घटक होता है। ये दो कंपोनेंट होने के कारण इन्हें बाइवेलेंट वैक्सीन कहा जाता है।’
वर्तमान में, भारत में किसी भी वैक्सीन का इस्तेमाल आक्रामक रूप से नहीं किया जा रहा है। जबकि, भारत के बाहरी फाइजर जैसे mRNA और बायोएनटेक की बाइवेलेंट वैक्सीन और मॉडर्न की वैक्सीन का उपयोग सीधे के लिए किया जा रहा है। चैनल से बातचीत में कैंसर रोग टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर राजीव जयदेवन कहते हैं, ‘बूस्टर डोज के साथ परेशानी यह है कि उनकी उम्र कम है।’