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पूर्व IAS अनिल टुटेजा को एक दिन की न्यायिकरिमांड पर भेजा गया, कल फिर स्पेशल कोर्ट में होगी पेशी

United News Of Asia. रायपुर। शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व IAS अनिल टुटेजा को एक दिन की जुडिशरी रिमांड पर भेजा गया है। कल उन्हें फिर से स्पेशल कोर्ट में पेश किया जायेगा। आपको बता दें कि ईडी ने अनिल टुटेजा की 14 दिन की रिमांड मांगी थी। कल देर रात पूछताछ के बाद अनिल टुटेजा को ED ने आज गिरफ्तार किया था। जिसके बाद दोपहर में उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।

शराब घोटाला केस में 8 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की ECIR को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके साथ ही अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 2 दिन बाद ही इस केस में EOW की FIR को अधार बनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने नई ECIR दर्ज की थी।

शनिवार को इस मामले में पूछताछ के लिए अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा को ईओडब्ल्यू ने तलब किया था। बयान दर्ज कराने के बाद जैसे ही दोनों बाहर निकले, पहले से मौजूद ED की टीम ने दोनों को हिरासत में ले लिया। दोनों को ED के जोनल अफसर ले जाया गया, जहां देर रात तक पूछताछ चली। उसके बाद उनके बेटे यश टुटेजा को ईडी ने छोड़ दिया, जबकि अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर लिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित अपनी पिछली एफआईआर को रद्द करने के बाद ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में एक नया मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया था। शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि यह कोई अपराध नहीं है और इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है।

इस फैसले से ठीक पहले, एजेंसी ने इस मामले में अपनी जांच का विवरण राज्य ईओडब्ल्यू/एसीबी के साथ साझा किया था और एक आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की थी और एक बार जब उन्होंने एफआईआर दर्ज की, तो ईडी ने उस शिकायत का संज्ञान लेते हुए एक नया मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया।

ईओडब्ल्यू/एसीबी ने विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा मौजूदा कांग्रेस सरकार को हराने के लगभग एक महीने बाद 17 जनवरी को यह एफआईआर दर्ज की और पूर्व उत्पाद शुल्क मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड और अन्य सहित 70 व्यक्तियों और कंपनियों को नामित किया। ईडी ने मामले में कथित “अपराध की आय” 2,161 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है।

छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की “हर” बोतल से “अवैध” पैसा इकट्ठा किया गया था और रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता ऐजाज़ के बड़े भाई अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले शराब सिंडिकेट द्वारा  2,000 करोड़ रुपये के “अभूतपूर्व” भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का सबूत है। ईडी ने आरोप लगाया था कि ढेबर का पर्दाफाश हो गया है। राज्य में भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने पहले कहा था कि ईओडब्ल्यू/एसीबी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित थी।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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