
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह , दुर्ग | दुर्ग संभाग में आज अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों की हड़ताल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए और आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगों को खुला समर्थन दिया। धरना स्थल पर पहुंचे बघेल ने संघ के प्रतिनिधियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और मंच से सरकार पर जमकर निशाना साधा।
संघ की प्रमुख मांगें:
कर्मचारियों को पूर्णकालिक दर्जा और कलेक्टर दर पर वेतन
युक्तियुक्तकरण के तहत समायोजन
15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा
स्कूल बंदी के कारण संभावित बेरोजगारी पर रोक
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 43301 अंशकालीन सफाई कर्मचारी पिछले 15 वर्षों से छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में सेवा दे रहे हैं। निर्धारित दो घंटे की सफाई के अलावा अधिकांश स्कूलों में चपरासी व भृत्य के अभाव में इन्हें कई अतिरिक्त कार्य करने पड़ते हैं, लेकिन इसके बावजूद इन्हें केवल ₹3000 से ₹3400 मासिक मानदेय मिलता है, जो आज की महंगाई में बेहद अपमानजनक है।
भाजपा सरकार पर साधा निशाना
बघेल ने कहा कि 2023 विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने घोषणापत्र में 50% वेतन वृद्धि और समायोजन का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद कर्मचारी ठगे गए। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती रमन सरकार द्वारा 3200 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण कर कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया गया था, अब साय सरकार 10463 स्कूलों को बंद कर रही है जिससे हजारों कर्मचारियों की आजीविका पर संकट है।
उन्होंने कहा, “ये कर्मचारी 15 सालों से सेवा दे रहे हैं, अब उनकी उम्र 40 से 50 साल हो चुकी है। सरकार इन्हें हटा रही है, और नौकरी की उम्र भी निकल रही है। ये सीधा मानवाधिकारों का उल्लंघन है।”
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाईं
भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने न केवल मानदेय में ₹800 की बढ़ोतरी की थी, बल्कि कोरोना काल में दो वर्षों का बकाया भुगतान भी किया गया। कोरोना में मृत कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता तथा बिजली बिल हाफ योजना जैसी योजनाएं जनहित की मिसाल थीं, जिन्हें वर्तमान भाजपा सरकार ने बंद कर दिया।
संघ के आंदोलन में बड़ी उपस्थिति
दुर्ग संभाग में हुए इस आंदोलन में संघ के संरक्षक सुशील सन्नी अग्रवाल, कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश ठाकुर, पूर्व महापौर धीरज बागलीवाल, आर्यन वर्मा, कमलेश नाथवानी, बाकर अब्बास, विष्णु नायक, मुकेश मोंगराज, सचिन, दीपक सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने हिस्सा लिया और कर्मचारियों के संघर्ष को अपना समर्थन दिया।
कर्मचारियों में आक्रोश, सरकार से शीघ्र समाधान की मांग
धरना स्थल पर उपस्थित कर्मचारियों ने एक स्वर में सरकार से तत्काल ठोस निर्णय लेने की मांग की। उनका कहना था कि अगर शीघ्र समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।
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