
जी. जनार्दन रैंडी
कर्नाटक के पूर्व मंत्री और खनन व्यवसायी जी जनार्दन रेड्डी ने कर्नाटक चुनाव से पहले अपनी खुद की पार्टी बना ली है। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ रखा है। बता दें कि जी जनार्दन रेड्डी ने अभी हाल में ही बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। जिसके बाद उनकी अगली चाल को लेकर राजनीतिक दलों में काफी सस्पेंस बना हुआ था कि वह आगे क्या करेंगे? किस पार्टी को ज्वाइन करेंगे। लेकिन आज जी जनार्दन रेड्डी ने उन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया। अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वह अपनी नई पार्टी से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह कर्नाटक के कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
कर्नाटक के लोगों की सेवा करना ही मेरा उद्देश्य है – जी जनार्दन रैंडी
जनार्दन रैंडी ने अपने इस फैसले को एक नया राजनीतिक कदम बताया है। उन्होंने कहा, ‘आज मैं अपनी पार्टी ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ की घोषणा कर रहा हूं। जो मेरी अपनी सोच के साथ, बासवन्ना (12वीं शताब्दी के समाज सुधार) की सोच के साथ, धर्म और जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनकी योजना कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के लोगों की सेवा करने की है, जिसमें राज्य के सात जिले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दस्तावेजों के लिए राज्य के लोगों को साझा कर वोट बटोरना आसान नहीं है क्योंकि यहां के लोग हमेशा एकता में रहते हैं।
जी जनार्दन रंडी ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था।
बीजेपी कर रही है अनजान
जनार्दन रेड्डी के जुआ घोटाले में फंसाने के बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से साइडलाइन कर दिया था। रैंडी को इस मामले में जेल भी हुई और उनके गृह जिले बेल्लारी में उनका प्रवेश रोक दिया गया। पिछली विधानसभा 2018 के चुनावों में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पापराज़ी के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि ‘बीजेपी का जनार्दन रंडी से कोई लेना-देना नहीं है’।
नए में मैं कभी असफल नहीं हुआ
पापाराज़ी से चर्चा करते हुए जनार्न रेडी ने कहा कि आने वाले दिनों में वह पार्टी को संगठित और लोगों के साथ साझा करने के लिए राज्य भर में यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने जीवन में अब तक किसी भी नई शुरुआत में कभी असफल नहीं हुआ। मैं उनमें से हूं जिन्होंने कभी हार नहीं मानी। इसलिए ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ के साथ लोगों के बीच मैं उनका लाभ पाने को लेकर कनेक्टिविटी हूं और भविष्य में कर्नाटक के कल्याणकारी राज्य बनने में कोई संदेह नहीं है’।
बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा विधानसभा चुनाव 2023 का सफर
जनार्दन रैंडी के नई पार्टी के गठन से राज्य में सत्ता पर काबिज भाजपा के सामने फिर से वापसी करना मुश्किल होगा। पॉलिटिकल ऑब्जर्वर का मानना है कि जनार्दन रेड्डी की अपनी पार्टी कम से कम 20 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी के जीतने की संभावना कम हो गई है। खैरि भाजपा के सामने यह एक बड़ा कटा-फटा पेंच हुआ है कि अगले चुनाव में अपने वोट प्रतिशत को कैसे सीक करें अब चूकि राज्य में एक और नई पार्टी आ गई है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव 2023 अप्रैल-मई में होने की संभावना है।



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