
एएनआई
शुक्रवार को बिहार विधानसभा परिसर में पापाराजी से बात करते हुए मांझी ने कहा कि ये लोग राम की बात करें या रावण की… हम सब काल्पनिक मानते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें भटकने की बात करनी चाहिए।
रामचरितमानस को लेकर विवाद अभी जारी ही है। इसी बीच बिहार की पूर्व जीतन राम मांझी ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे की बवाल और बढ़ गया है। उन्होंने राम और रामायण को काल्पनिक करार दिया है। उन्होंने रावण को भी काल्पनिक पात्र ही बताया है। शुक्रवार को बिहार विधानसभा परिसर में पापाराजी से बात करते हुए मांझी ने कहा कि ये लोग राम की बात करें या रावण की… हम सब काल्पनिक मानते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें भटकने की बात करनी चाहिए। गरीबी मिटाने की बात होने वाली है। कहानी के माने तो रावण राम से भी ज्यादा मेहनती था। लेकिन, यह सब काल्पनिक है। हमें इन सब पर विश्वास नहीं है।
इसके साथ ही उन्होंने महान कवियों, वाल्मीकि और गोस्वामी तुलसीदास पर भी सवाल उठाए और कहा कि रामायण और रामचरितमानस में कई गलत बातें लिखी गई हैं, जिन्हें हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कल्पना के आधार पर जो किताब लिखी गई है, उसमें भी रावण के साथ न्याय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि रावण को दिखाया गया है और राम को ऊपर रखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्मकांड के मामले में रावण राम से बहुत आगे है। पूर्व विजेता राम मांझी ने रामचरितमानस और रामायण की प्रामाणिकता पर सवाल उठाएं एक विवाद को फिर से जन्म दिया है।
हालाकि, यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने राम को लेकर इस तरह के बयान दिए हैं। दूसरे सहयोगी जदू ने विवाद से दूर रहने का फैसला किया और यहां तक कि मांझी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राम आस्था के प्रतीक हैं और इस तरह किसी की आस्था पर सवाल उठाना सही नहीं है। हालांकि, महागठबंधन के प्रमुख घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) रामचरितमानस और रामायण पर सवाल उठाने में सबसे आगे रहे हैं।
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