
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज विधानसभा के समिति कक्ष में आयोजित विश्व वानिकी दिवस संगोष्ठी में भाग लिया और प्रदेशवासियों को वन संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ‘ऑक्सीजोन’ बनकर संपूर्ण भारत को ऑक्सीजन प्रदान कर रहा है। प्रदेश का 44% भू-भाग वनों से आच्छादित है, जो पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वर्ष 2025 का विश्व वानिकी दिवस ‘फॉरेस्ट एंड फूड’ थीम पर आधारित है, जो इस बात को रेखांकित करता है कि वन केवल ऑक्सीजन ही नहीं, बल्कि पोषण, रोजगार और संस्कृति का भी स्रोत हैं। इस अवसर पर उन्होंने ‘वाइल्ड एडिबल प्लांट्स इन छत्तीसगढ़ स्टेट’ पुस्तक का विमोचन किया और पुदीना-मिंट फ्लेवर के बस्तर काजू प्रोडक्ट को लॉन्च किया।
वन संरक्षण और जनजातीय सशक्तिकरण पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 32% आबादी जनजातीय समुदाय से है, जो वनों से गहराई से जुड़े हुए हैं। सरकार वनाधिकार पट्टे प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि बस्तर की इमली, जशपुर का महुआ, चिरौंजी, हर्रा-बहेड़ा जैसे लघु वनोपज छत्तीसगढ़ की पहचान हैं, जिनका वैल्यू एडिशन कर आदिवासी परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ की जैव विविधता की सराहना करते हुए कहा कि बस्तर का धूड़मारास अब विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थान बना चुका है। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रदेश में अब तक 4 करोड़ वृक्ष लगाए जा चुके हैं।
नवा रायपुर में ‘पीपल फॉर पीपल’ पहल
CM साय ने कहा कि नवा रायपुर में ‘पीपल फॉर पीपल’ कार्यक्रम के तहत हर चौराहे पर पीपल के वृक्ष रोपे गए हैं। वैज्ञानिक रूप से यह वृक्ष सबसे अधिक ऑक्सीजन प्रदान करता है और यह पहल शहरी हरियाली को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
वन क्षेत्र के विस्तार से ही भविष्य सुरक्षित – विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के वन विश्व के सबसे सुंदर वनों में गिने जाते हैं। साल और सागौन के वृक्ष यहां की प्राकृतिक शोभा बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि “जब तक जंगल हैं, तब तक जीवन है” और यह गर्व की बात है कि प्रदेश में वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका वन क्षेत्र का विस्तार है। उन्होंने जनजातीय समुदायों के पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधायकगण धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, योगेश्वर राजू सिन्हा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. निवास राव और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रमुख बातें:
- छत्तीसगढ़ 44% वन क्षेत्र के साथ भारत का ‘ऑक्सीजोन’
- ‘फॉरेस्ट एंड फूड’ थीम पर आधारित विश्व वानिकी दिवस 2025
- ‘वाइल्ड एडिबल प्लांट्स इन छत्तीसगढ़ स्टेट’ पुस्तक का विमोचन
- बस्तर काजू प्रोडक्ट (पुदीना-मिंट फ्लेवर) का लॉन्च
- ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत 4 करोड़ वृक्षारोपण
- ‘पीपल फॉर पीपल’ पहल से शहरी हरियाली को बढ़ावा
छत्तीसगढ़ वन संरक्षण, खाद्य सुरक्षा और हरित विकास की दिशा में राष्ट्रीय नेतृत्व कर रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और समृद्ध भविष्य की नींव रखेगा। 🌿🌱













