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विदेश मंत्री ने दिया दुनिया को संदेश भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है विदेश मंत्री ने दुनिया को दिया संदेश, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी को भी हद तक हो सकता है भारत

एस जयशंकर, विदेश मंत्री- India TV Hindi

छवि स्रोत: एपी
एस जयशंकर, विदेश मंत्री

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कहा कि भारत की छवि ऐसे देश की बन गई है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। विदेश मंत्री ने कहा कि हर देश की अपनी कुछ हैं, कोई चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा से समान महत्व नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसे न तो पिरामिड कर बाहर जा सकता है और न ही वह मुख्य सीमाओं को किसी को लांघने देगा। सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘विचारकों के उत्सव’ को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, ”पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमारी पश्चिमी सीमा पर लंबे समय से हमें परखा जा रहा है। मैं खतरनाक हूं कि चीजें इस बार थोड़ी अलग हैं और सभी लोग इस बात से सहमत होंगे।

भारत को परखने का प्रयास किया जा रहा है

साल 2016 और 2019 के बीच कुछ चीजें हुईं और हमें परखने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ”अमेरिका की उत्तरी सीमा पर भी परखा जा रहा है। भारत किस प्रकार से इस परीक्षा से बाहर आएगा, यह प्रतिस्पर्धा करने की ताकतों को चित्रित करेगा।” विदेश मंत्री ने कहा, ”आज हमारी छवि एक ऐसे देश की है जो अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को बचाने के लिए सब कुछ करने को तैयार हैं। है। यह (भारत) काफी संयम धारण करने वाला देश है और ऐसा देश नहीं है जो दूसरों से लड़ता है लेकिन यह ऐसा देश भी नहीं है जिसे ब्राजील कर बाहर जा सकता है। यह ऐसा देश है जो सीमाओं को किसी को लांघने नहीं देखेंगे।’ प्रयोग करेंगे। ऐसे में आप किस प्रकार से अपनी रक्षा के लिए खड़े होते हैं, और कुछ बार ऐसे अजनबियों के लिए खड़े होते हैं जिनकी लगभग उतनी ही क्षमता और सामर्थ्य नहीं है, जितना आपके पास है।

भारत बन रहा दुनिया की आवाज
हम आज यह देख रहे हैं।” यूक्रेन संघर्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”इस संघर्ष के कारण जिस तरह के दबाव बने, ऐसे क्षण भी आए जब हमारी स्वतंत्रता की भावना और विश्वास को परखने का प्रयास किया गया।” उन्होंने कहा, ”हम एक स्वतंत्र और दूसरे के अधिकारों के लिए खड़े होने के रूप में देखे जा रहे हैं और इसके साथ ही हम वैश्विक दक्षिण की आवाज भी बन रहे हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले महीने ”हमारे जी20 से पहले की विचार-विमर्श प्रक्रिया हुई, यह पहली बार हुई। हमने जी20 समूह के अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री के स्तर पर, स्वयं विदेश मंत्री के स्तर पर, वित्त मंत्री, व्यापार मंत्री और पर्यावरण मंत्री के स्तर पर वैश्विक स्तर पर दक्षिण के 125 देशों के साथ विचार किया।” जयशंकर ने कहा, ” हम जी20 में यह कहना चाहते हैं कि दुनिया का एक बड़ा हिस्सा महीनों पर नहीं है, लेकिन उनका वाजिब हित है और किसी के लिए उनके बोलने की जरूरत है।

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