
UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । छत्तीसगढ़ में भाजपा की साय सरकार द्वारा डेढ़ साल में चौथी बार बिजली दरों में बढ़ोतरी किए जाने पर सियासत गरमा गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने शुक्रवार को राजीव भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में इसे आम जनता के साथ ‘सीधा आर्थिक शोषण’ करार देते हुए भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस निर्णय के विरोध में प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन करेगी।
बिजली दरों में 13% वृद्धि, कृषि पंप की दरों में सबसे अधिक बढ़ोतरी
दीपक बैज ने आंकड़ों के साथ बताया कि:
घरेलू उपभोक्ताओं पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
गैर-घरेलू दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट, और
कृषि पंपों की दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की भारी वृद्धि की गई है।
उन्होंने इसे किसानों के साथ अन्याय बताया और कहा:
“खाद, बीज और कटौती से पहले ही त्रस्त किसानों की अब कमर तोड़ रही है भाजपा सरकार।”
आंकड़ों से कांग्रेस का हमला
दीपक बैज ने कहा कि 2003 से 2018 तक भाजपा की रमन सरकार ने बिजली दरों में 94% वृद्धि की, जबकि कांग्रेस की सरकार में 2019 से 2023 तक केवल 0.32% (2 पैसे) की वृद्धि हुई।
वर्ष | बिजली दर (₹/यूनिट) | वृद्धि |
---|---|---|
2003-04 | 3.30 | – |
2017-18 | 6.40 | +3.10 |
2018-19 | 6.20 | -0.20 |
2019-20 | 5.93 | -0.27 |
2020-21 | 5.93 | – |
2021-22 | 6.08 | +0.15 |
2022-23 | 6.22 | +0.12 |
2023-24 | 6.22 | – |
वर्तमान | 7.02 | +0.80 |
“कोयला, पानी, ज़मीन हमारी – फिर भी महंगी बिजली क्यों?”
दीपक बैज ने कहा कि राज्य में कोयला, पानी और ज़मीन राज्य की संपत्ति है, इसके बावजूद आम लोगों को महंगे दामों पर बिजली दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार के चहेते उद्योगपतियों और सरकारी विभागों पर करोड़ों के बकाया बिल लंबित हैं।
“एसी कमरों में बैठकर मुफ्त में बिजली का उपभोग करने वाले मंत्री-अधिकारी जनता से बिल वसूल कर रहे हैं।”
स्मार्ट मीटर और प्रीपेड मीटर पर भी आपत्ति
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ताओं को मनमाना बिल भेजा जा रहा है।
अब सरकार अडानी की कंपनी के माध्यम से प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी कर रही है, जो सीधा जनता को लूटने की साजिश है।
‘खाद घोटाले’ का भी आरोप, बोवाई सीजन में नहीं मिला उर्वरक
दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में किसानों को उर्वरक नहीं मिल रहा, बोवाई और रोपाई का समय निकल रहा है और सरकार झूठा प्रचार कर रही है कि पर्याप्त खाद उपलब्ध है। उन्होंने पूछा:
“जब सरकार 11 जुलाई को ही निविदा जारी कर रही है तो खाद किसान को कब मिलेगा?”
“1350 रुपए वाला खाद 2000 में बेचा जा रहा है। जमाखोरों को संरक्षण दिया जा रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि खाद का स्टॉक सत्यापन नहीं हो रहा, और नकली खाद खुलेआम बिक रहा है।
“हमने जनता की लड़ाई लड़ी” – दो साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा
दीपक बैज ने प्रेस वार्ता में अपने दो वर्षों के कार्यकाल को जनता की समस्याओं के खिलाफ संघर्ष का दौर बताया। उन्होंने कहा:
“हमने एक दर्जन से अधिक न्याय यात्राएं, विधानसभा व सीएम हाउस घेराव, धरना-प्रदर्शन और सड़क से सदन तक जनता की आवाज़ को बुलंद किया।”
उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व, कार्यकर्ताओं और मीडिया का आभार भी व्यक्त किया।
आंदोलन की चेतावनी
दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस भाजपा सरकार के जनविरोधी फैसलों के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और बिजली मूल्य वृद्धि तथा खाद संकट जैसे मुद्दों पर जनता को न्याय दिलाने का संघर्ष जारी रहेगा।
प्रेस वार्ता में ये रहे प्रमुख नेता उपस्थित
प्रेस वार्ता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, छाया वर्मा, मलकीत सिंह गैदू, संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, पूर्व महापौर एजाज ढेबर, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, नितिन भंसाली, अजय गंगवानी, सत्यप्रकाश सिंह, पूर्णचंद पाढ़ी, सौरभ साहू, ऋषभ चंद्राकर सहित अनेक नेता मौजूद रहे।
इस मुद्दे पर भाजपा सरकार की ओर से अब तक कोई विस्तृत प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन साफ़ है कि बिजली और खाद को लेकर प्रदेश में विपक्ष का आक्रामक तेवर आने वाले समय में एक बड़े आंदोलन की भूमिका रच सकता है।
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