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पीरियड्स को लेकर समाज में कई तरह के टैबू हैं, जो महिलाओं के भीतर नकारात्मकता का संचार करने के लिए काफी है। ब्लीडिंग, क्रैम्प और बैक पेक के दौरान कहीं भी चोट लगने से कोई दुर्घटना नहीं होती है। ऐसे में सेक्स करना जहां कुछ महिलाओं को अटपटा लगता है, तो कुछ लोग पीरियड सेक्स (अवधि सेक्स) आनंद लेने लगते हैं। पीरियड साइकिल (Period cycle) के नशे में बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव इस समय को सुखद बना देते हैं। जानिए इसके फायदे और कैसे बना सकते हैं इसे और सेफ भी।
पीरियड सेक्स में बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा
मेडिकल न्यूज के रिएक्शन के मुताबिक सेक्सुअल रिलेशन (यौन संबंध) बनाने के चलते दो तरह के संक्रमण का खतरा बना रहता है। पहला एसटीआई और दूसरा सामान्य यीस्ट संक्रमण और स्थिर वेजिनोसिस। यीस्ट संक्रमण सेक्स किए बिना किसी होने की संभावना बनी रहती है। वास्तव में, शरीर में आने वाले परिवर्तन एक बड़ा कारण सिद्ध होते हैं। हार्मोन असंतुलन के कारण शरीर में संक्रमण होने का अधिक खतरा हो सकता है। वहीं संक्रमण के दौरान अगर आप सेक्स करते हैं, तो इसे लिंग के सिर पर सूजन होने का खतरा रहता है।
वहीं एसटीआई का जोखिम भी बढ़ता है। दरअसल, खून में मौजूद वायरस बॉडी में संक्रमण फैलने का कारण बनता है। विशेषज्ञ डॉ रितु के अनुसार महावारी के समय सेक्स से एसती जैसे एचआईवी होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे वक्त में सेक्स करने से पहले कडोम का प्रयोग अत्यधिक जरूरी हो जाता है।
जानिए पीरियड्स के दौरान सेक्स करने के ये फायदे
1. स्नेहन की आवश्यकता नहीं है
चक्रीय साइकिल के चलते आपको किसी प्रकार के आर्टिफिशियल लुब्रिकेशन की आवश्यकता नहीं रहती है। दरअसल, इस दौरान होने वाले डिस्चार्ज ल्यूब्रिकेंट का काम करता है, जिससे इंटरकोर्स के टाइम कंफर्ट फील होता है। सेक्स से लोअर एब्डोमन महसूस होने वाले ऐंठन से भी राहत मिल गया है।
2. तनाव से मुक्ति
श्रृंखला होने की चिंता कई दिन पहले से ही हमें रिकॉर्डिंग लगती है। कपड़ों पर स्पॉट फिक्सिंग टेंशन से हम कुछ समय पहले ही सतर्क रहते हैं। पीरियड के दौरान दर्द और ब्लीडिंग के कारण कई बार डिस्कंफर्ट हो जाता है। ऐसे में इस दौरान बहुत सी महिलाएं तनाव और मूड सिन्ग होने की वजह से कराहती रहती हैं। ऐसे में सेक्स करते वक्त शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है, जो दिमाग में जाकर हमारे अंदर ऑर्गेज्म का एहसास कराता है, जिससे तनाव खुद ब खुद दूर हो जाता है।
3. कामेच्छा में वृद्धि होती है
महावारी के समय शरीर में लिबिडो बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, शरीर में होने वाले डिस्चार्ज के कारण प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा आपको गिर जाती है। ऐसे समय में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का स्तर फ्लेचुएट होने लगता है। जो इसका प्रमुख कारण सिद्ध होता है। विशेषज्ञ के अनुसार पीरियड्स के दिनों में सब कुछ मैसी दिखता है। मगर आकर्षक बदलाव सेक्स ड्राइव को बढ़ाने का काम करता है।
4. प्रेग्नेंसी के चांस कम होते हैं
गर्भावस्था के दौरान सेक्स की संभावना काफी कम होती है। अक्सर लोग इसी वजह से महावारी के दौरान यौन संबंध बनाते हैं। अगर वहीं आप चौथे या पांचवें दिन सेक्स कर रहे हैं तो ऐसी स्थिति में सावधान रहने की जरूरत रहती है। दरअसल, महिला के शरीर में शुक्राणु 72 घंटे तक जीवित रहता है। ऐसे में अगर आप बिना सुरक्षा के सेक्स करते हैं तो प्रेग्नेंसी का खतरा बना रहता है।

पीरियड सेक्स को आसान बनाने के लिए इन टिप्स को अपनाएं
इस दौरान सेक्स के लिए आरामदायक पोज़िशन्स को ही चुनें। महावारी में ब्लीडिंग के कारण खुद को टफ पॉज़िशन में डालने से बचें।
मासिक धर्म के कारण सेक्स करने से संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसे में सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें। कंडोम का इस्तेमाल करने से इंटरकोर्स के दौरान स्खलन आसानी से होता है और सेक्स मैसी होने से बच जाता है।
सेक्स करने से पहले बिस्तर पर दस्तावेज़ को सुनिश्चित करें। इस दौरान कई बार आपके पार्टनर के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसके अलावा अपने पास टीशू रोल भी रखें। ताकि ब्लीडिंग बढ़ने पर आप उसका प्रयोग कर सकें।
इस दौरान किसी भी प्रकार के अनहाइजीन से बचने के लिए कम सेक्स भी एक बेहतर विकल्प है। इससे न केवल आप तनाव को लेकर रहते हैं, बल्कि सुरक्षा की भी चिंता कम रहती है।
अगर अनप्रोटेक्टेड सेक्स किया जाता है तो डॉक्टर की सलाह से गोलियां नहीं लेनी चाहिए। कई बार सेक्स के दौरान भी प्रेगनेंसी का खतरा बना रहता है।
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