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खाने में यदि गरम मसाला न पड़ा हो तो, आप कितना भी प्रयास करें खाने का स्वाद लेते हैं। तेज मसाले में स्वाद और फ्लेवर ऐड करने के साथ ही कुछ स्वास्थ्य लाभ भी क्वाड है। इसे बनाने में कई तरह के मसल्स का इस्तेमाल होता है। इस तरह वे सभी के पोषक तत्वों को एक मेटा में मिल जाते हैं। लेकिन ऐसा बाज़ार के पैक्ड मसल्स में नहीं होता। पकड़ना और पकड़ना उन्हें कई तरह का जोखित रखता है। तो इस बार खुद ही जैविक गरम मसाला तैयार करते हैं।
आजकल ज्यादातर लोग बाहर से ही खरीदारी का काम करते हैं। पर मेरी माँ अब भी घर पर परेशान हैं, खुद को गरम मसाला करती हैं। यह स्वाद न केवल बाजार के हिसाब से अलग होता है, बल्कि कम मात्रा में भी यह शानदार स्वाद भर देता है।
इसकी वजह से बाजार में मौजूद गर्म दिमाग का मिलावटी होना है। वास्तविक सेवन के लिए लाभ होने की जगह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए मेरी माँ हमेशा घर पर गरम मसाला तैयार करती है। इसे बनाना बहुत ही आसान है। कभी-कभी मैं इसे आराम से तैयार कर लेता हूं। तो जानिए घर पर किस तरह तैयार करना है गरम मसाला (How to make गरम मसाला at home). साथ ही जानेंगे इसके स्वास्थ्य के लिए लाभ कैसे हैं।

गरम मसाला बनाने के लिए आपको चाहिए (गरम मसाला सामग्री)
कम धनिया (धनिया)
सौंफ के बीज (सौंफ के बीज)
जीरा (जीरा)
काली मिर्च (काला कागज)
दालचीनी (दालचीनी)
जायफल
तेज पत्ता (तेज पत्ता)
जावित्री (गदा)
लौंग (लौंग)
चक्र फूल (स्टार ऐनीज़)
बड़ी इलायची (काली इलायची)
छोटी इलायची (हरी इलायची)
यहां है घर पर गरम मसाला तैयार करने का स्टेप बाय स्टेप तरीका
सभी पहलवानों को एक बड़ी से प्लेट में निकाल लें। अब देखिए कि इनमें से किसी भी तरह की गन्दगी, कंकड़ आदि नहीं हैं।
पुराने मसल्स का इस्तेमाल न करें क्योंकि इनमें फंगी और कीड़े-मकौड़े लगने की सम्भावना अधिक होती है। वहीं नए मसल्स को भी अच्छी तरह से जांच जरूरी है।
फिर इन मसल्स को धूप में कम से कम 2 दिन तक अच्छी तरह से सुखाएं। सनलाइट में डेटाबेस के बाद इसे सामान्य रूप से तैयार करने से पहले ड्राई रोस्ट कर लें।
ध्यान रहे कि मांसपेशियों को लाल नहीं करना है। रोशनी आंच पर केवल 3 से 4 मिनट तक ही रोस्ट करना है। उसके बाद कुछ देर तक ठंड लगने के लिए रखें।
पहले से मौजूद इन मसल्स में ज्योफल निकाल लें और उसे अलग से कूट कर छोटे-छोटे टुकड़े कर लें।
फिर बाकी सभी ब्रेक मसा एवं जायफल को ब्लेंडिंग जार में डालें और इन्हें एक साथ मिलाकर पीस लें।
जब मसाले पाउडर बन जाएं, तो इन्हें छन्नी से छानें और बचे हुए मसाले को फिर से पीस लें।
आपका गरम मसाला तैयार है, इसे किसी एयर टाईट जार में स्टोर करके रख लें।
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स्वाद और सुगंध ही नहीं, सेहत को ये 10 फायदे दिखाते हैं गरम मसाला का इस्तेमाल
1. धनिया
धनिया में पर्याप्त मात्रा में विटामिन और मिनिमल पाए जाते हैं। इसके साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन का एक बेहतरीन स्रोत है। इसमें मौजूद विटामिन केशों के साथ दिल की सेहत को बनाए रखता है।
2. जीरा
जीरा पाचन क्रिया को संतुलित रखने के साथ ही बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से होने वाले सेल डैमेज का प्रभाव कम कर देते हैं। इसके साथ ही यह हाई ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारी में दुर्घटना का कारण बनता है।
3. दालचीनी
दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। वहीं वजन कम करने को लेकर रक्त में बढ़ने से शुगर लेवल को नियंत्रित करने पर विचार किया जाता है। इसके साथ ही यह मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है और पेट पर जमी एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में मदद करता है।
4. लौंग
लौंग में कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन के, पोटैशियम और बीटा कैरोटीन मौजूद होते हैं। यह सभी पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। वहीं यह संभावना से भरपूर होता है और शरीर पर होने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर देता है। जिस वजह से सेल डैमेज और बिमारियों के बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।

5. सौंफ
फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, पोटेशियम, विटामिन ई, सेलेनियम, आयरन, विटामिन के, जाल पॉलीफेनोल और एनेथोल जैसे यौगिक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व का एक सूक्ष्म स्रोत है। इसकी सेवन पाचन क्रिया को संतुलित रखने के साथ आंख और लीवर की सेहत के लिए लाभ होता है। वहीं यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और वजन कम करने में मदद करता है।
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6. इलायची
इलायची में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। अनुसंधान की माने तो इलयची में मौजूद संपत्ति शरीर को कैंसर और ट्यूमर से लड़ने के लिए तैयार करती हैं।
7. जायफल
जायफल में विटामिन ई, विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीज, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, फास्फोरस और आयरन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व मौजूद होते हैं। वहीं इसके एंटी चिपकने वाले संपत्ति संक्रमण से लेकर कैविटी और मसूड़ों में सूजन पैदा करने वाले कीटाणुओं से रक्षा करते हैं।
8. जावित्री
जावित्री में मैक्लिग्नन कंपाउंड पाए जाते हैं। साथ ही जावित्री एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-कैंसर और एंटीडायबिटिक गुणों से युक्त होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल के प्रभाव से बचाते हैं।

9. काली मिर्च
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर काली मिर्च शरीर को मुक्त रेडिकल्स के प्रभाव से सुरक्षा प्रदान करता है। फ्री रेडिकल्स दिल से जुड़ी बीमारियों से लेकर सूजन, प्रीमेच्योर एजिंग और कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
10. तेज पत्ता
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। ऐसे में हमारे दिल की सेहत बनी रहती है। वहीं पाचन क्रिया और साइनस की स्थिति में भी हो जाती है।
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