हम सभी चाहते हैं कि हमारी त्वचा शायनी हो। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, सेल टर्नओवर धीमा हो जाता है। डेड स्किन सेल्स का जमाव बढ़ता है। इसकी स्किन हमारी DL हो सकती है। गंभीर एक्सफोलिएटिंग रूटीन डेड स्किन की प्रतिक्रिया को सुरक्षित और प्रभावी तरीके से हटाया जा सकता है। इससे स्किन हेल्दी, शायनी और यंग लुक हो सकता है। स्किन को कैसे एक्सफोलिएट किया जाए, इसके लिए हमने बात की कॉस्मेटोलॉजिस्ट (कॉस्मेटोलॉजिस्ट) अनुपात सैनी से।
एक्सफोलिएट करना क्यों जरूरी है
विवेक सैनी कहते हैं, ‘त्वचा को एक्सफोलिएट करने से त्वचा में निखार आता है। इससे बेहतर दिखने में मदद मिलती है। स्किन हेल्थ में सुधार होता है। स्किन सेल्स का नवीनीकरण हो जाता है। त्वचा की बाहरी परत को लेकर अनुमान लगाया जाता है, क्योंकि नए अनुमान उनकी जगह लेते हैं। एक्सफ़ोलीएटिंग के माध्यम से डेड सेल्स को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। मृत परत को नहीं हटाने पर स्किन डीएल दिखती है। समय के साथ स्किन पोर्स ब्लॉक हो सकते हैं। इससे पिंपल्स या ऑयली स्किन हो जाती है।’
यहां हैं इसके फायदे
एक्सफोलिएटिंग से गंदगी साफ करने से त्वचा में निखार आने में मदद मिलती है। यह छिद्रों को बंद करने, पिंपल्स के धब्बे, ब्लैकहेड्स और व्हाइट हेड्स को रोकने में मदद करता है। एक्सफ़ोलीएटिंग कोलेजन जांच कर त्वचा की सूरत में सुधार करता है। त्वचा को स्वस्थ और जवान दिखने में मदद करता है। स्किन की क्वालिटी के आधार पर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि कितनी बार एक्सफोलिएट किया जाना चाहिए। कुछ लोग रासायनिक एक्सफोलिएंट्स को पसंद करते हैं, तो कुछ प्रासंगिक एक्सफोलिएंट्स को। यह स्किन पर भी कंटेंट करता है।
यहां जानकारों ने घर पर स्किन को एक्सफोलिएट करने के 2 तरीके बताए हैं
1मैकेनिकल एक्सफोलिएशन (मैकेनिकल एक्सफोलिएशन)
इसे फिजिकल एक्सफोलिएशन (फिजिकल एक्सफोलिएशन) भी कहा जाता है। यह डेड स्किन सेल्स को मैनुअली हटाता है। इसके लिए ब्रा, स्क्रब, स्क्रब का इस्तेमाल किया जाता है।
2 रासायनिक एक्सफोलिएशन (रासायनिक एक्सफोलिएशन)
यह अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (ग्लाइकोलिक और साइट्रिक एसिड) या बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड जैसे सैलिसिलिक एसिड का रासायनिक उपयोग करके मृत त्वचा कोशिकाओं को हटा देता है।
त्वचा को सुरक्षित रूप से एक्सफोलिएट करने के लिए त्वचा के प्रकार के अनुसार किसी एक तरीके को दिखाया जाता है।
यहां हैं स्किन को एक्सफोलिएट करने के 5 सही स्टेप्स
1 माइल्ड क्लींजर से चेहरे की सफाई (माइल्ड क्लींजर से फेस वॉश)
दोनों हाथों पर माइल्ड क्लींजर अच्छी तरह लें। इसे चेहरे पर लें और हल्के हाथों से सफाई करें। साइटर कर गुनगुने पानी से धो लें।
2 एक्सफ़ोलिएंट का प्रयोग (एक्सफ़ोलिएंट का प्रयोग)
क्लीन्ज़र को धोने के बाद हाथों से थपथपाकर चेहरे को सुखा लें। मोइस्ट रहने पर मैटा के दाने के बराबर मात्रा में एक्सफ़ोलिएंट लेंस। इसे माथे, दोनों गालों और बालों पर छोटी सी बिंदी लगाकर चेहरे पर लगाएं।
3 चेहरे की त्वचा और पलकों के लिए अलग-अलग एक्सफ़ोलिएटर का प्रयोग
हल्के हाथों से गति में एक्सफोलिएंट को हमारे चेहरे पर असर। त्वचा के प्रकार के अनुसार एक्सफ़ोलिएटर का उपयोग करें। पलकों और बर्नहों के ऊपर अलग-अलग तरह के एक्सफोलीएटर का प्रयोग किया जाता है। उसी जगह पर अलग तरह के एक्सफ़ोलीएटर का प्रयोग किया जाता है।
4 यह प्रक्रिया 30 सेकंड तक ही करें (30 सेकंड के लिए एक्सफोलिएट करें)
लगभग 30 सेकंड तक आपके चेहरे पर एक्सफोलिएंट को धीरे-धीरे लें। अधिक समय तक प्रयोग करने पर त्वचा रूखी हो सकती है। इसे धोने के लिए गुनगुने पानी (गुनगुना पानी) का उपयोग करें।
5 माईस्चर का प्रयोग (मॉइस्चराइजर के साथ पालन करें)
एक्सफ़ोलीएटर का उपयोग और तीखा पानी से धोने के बाद मोइस्टर का प्रयोग अवश्य करें। इससे त्वचा की परत बनी रहती है। एक्सफ़ोलीएटिंग त्वचा को शुष्क कर सकती है। इसके तुरंत बाद मुखौटा लगाने से त्वचा की अधिकतम मात्रा कम हो जाती है। स्किन फीमेल बनी रहती है।
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