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पहले सुप्रीम कोर्ट से झटका, बाद में हुआ इस्तीफ़ा, फिर आवेदन पत्र को लिखा भावुक चिट्ठी, आप की डगर मुश्किल में क्यों?

मनीष सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखते हुए कहा कि साजिश की हद पार करते हुए मुझे जेल में डाल दिया गया। मुझे अभी भी कई और स्टेटमैंट करने की तैयारी है। मी डराया, धमकाया और लालच दिया गया।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद मनीष सिसोदिया का एक भावपूर्ण पत्र भी सामने आया। जिसमें मनीष ने बताया कि फर्जी मामलों में उन्हें जेल में कैसे भेजा गया। लेकिन इन इत्तिफाकों के बाद कंजेशनबाजियों का दौर तेज हो गया। दिल्ली की राजनीति और भी तेज हो गई। अब ये जेल जाने की शर्मिंदगी बता रहा था या फिर खुद को ज़िम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहा था। मगर हुआ ये कि मनीष सिसोदिया ने अपने सारे मंत्रालय से इस्तीफ़ा दे दिया। मनीष सिसोदिया ने इस्तीफा दिया और अरविंद केजरीवाल ने भी स्वीकार कर लिया।

मनीष सिसोदिया की आवेश को भावुक चिट्ठी

मनीष सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखते हुए कहा कि साजिश की हद पार करते हुए मुझे जेल में डाल दिया गया। मुझे अभी भी कई और स्टेटमैंट करने की तैयारी है। मी डराया, धमकाया और लालच दिया गया। उन्होनों बहुत कोशिश की कि मैं आपका साथ छोड़ दूं। मैं नहीं झुका तो मुझे जेल में डाल दिया गया। सच्चाई की ताकत मेरे साथ है तो डर कैसा। ये कमजोर और कायर लोगों की साजिश है। मैंने पूरी ईमानदारी और ईमानदारी से काम किया है। कोई फोर्स मुझसे बेइमानी नहीं कर सकता।

सिसोदिया के साथ जैन ने भी इस्तीफ़ा दे दिया

दिल्ली के मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपना इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सूत्र की वजह से मनीष सिसोदिया के विभाग कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद को दिए जाएंगे। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी में दो नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। एक-एक कार्यकर्ता जैन और सिसोदिया के साथ हैं। सिसोदिया और जैन का शिलालेख मुकदमों में जुड़ा हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिला

सीजेआई ने कहा कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत और दूसरी रिहाई मांग रहे हैं। आपने अर्नब गोस्वामी और हास्य के मामलों का हवाला दिया। पर वो बिल्कुल ठीक थे। आपको कोर्ट से बेल लेनी चाहिए। असंतुलित रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय को रद्द कर दिया जाना चाहिए। जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि मामला दिल्ली का है, इसका मतलब ये नहीं है कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट आ जाएं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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