सर्वेश श्रीवास्तव / अयोध्या। एक ओर भव्य मंदिर का अंतिम रूप से परदा उठता है, तो दूसरी ओर इस मंदिर के बनने के पीछे की कहानी को बड़े पैमाने पर परदे पर आने की तैयारी भी है। भगवान रामलला के मंदिर को बनाने के लिए किए गए संघर्षों पर एक फिल्म बनाई जा रही है, जिसकी शूटिंग अयोध्या के दिगंबर अखाड़ों में चल रही है। इस फिल्म में केंद्र बिंदु होंगे राम मंदिर आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बाबा अभिराम दास, जो भगवान राम की मूर्ति को राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान दस्तावेज था।
फिल्म का नाम ही 695 दिया गया है। 6 का मतलब 6 दिसंबर 1992 है, जब सर्किट का विध्वंस हो गया। 9 का मतलब 9 नवंबर 2019 का वह दिन जब सुप्रीम कोर्ट ने भगवान रामलला के पक्ष में जन्मस्थान का सुना फैसला और 5 यानी कि वह दिन जब 5 अगस्त 2020 को भगवान राम के बहुप्रतीक्षित मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमिपूजन की।
इस फिल्म का उद्देश्य युवा पीढ़ी को 500 साल लंबा इतिहास बनाना है। इस मंदिर के पीछे कितना संघर्ष हुआ, कितने कारसेवकों ने बलिदान दिया, ऐसे झलक पर यह फिल्म आधारित है। इतना ही नहीं, इस फिल्म में देश के प्रसिद्ध कलाकार परदे पर दिखाई देंगे। मंदिर के संघर्ष पर बनने वाली फिल्म में बाबा अभिराम दास की भूमिका में अरुण गोविल दिखाई देंगे, जो रामानंद सागर निर्मित टीवी धारावाहिक रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाकर घर घर में प्रसिद्ध हुए थे।
फिल्म का निर्माण श्यामा चावल कर रहे हैं और जनवरी 2024 में लगभग 2 महीने पहले यह फिल्म दर्शकों के बीच आएगी। श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि सदानी फिल्म के बजाय चावला राम जन्मभूमि के गौरवशाली इतिहास को फिल्मा रहे हैं।
बाबा अभिराम दास की भूमिका में जा रहे अभिनेता अरुण गोविल ने कहा कि राम में आस्था रखने वाले हर भारतीय को यह फिल्म बहुत अच्छी लगेगी। गोविल ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन से जुड़े हुए संत अभिराम दास की शांति भूमिका में मार्ग पर चलने वाले एक व्यक्ति का चरित्र सामने है।
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पहले प्रकाशित : 24 अप्रैल, 2023, 16:27 IST