छत्तीसगढ़रायपुर

MP के निजी स्कूलों में पालकों को लौटाई गई Fees… अब रायपुर में भी उठी मांग, दावा- रायपुर में हुआ 500 करोड़ का खेल

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कई निजी स्कूलों पर फीस के नाम पर लूट मचाने का आरोप लग रहे हैं। सोशल एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने प्राईवेट स्कूलों पर भारी लूट का आरोप लगाते हुए रायपुर कलेक्टर से इस मामले में कार्रवाई करते हुए स्कूलों से पैसे वसूल कर पालकों को पैसे वापिस लौटाने की मांग रखी है। उनका कहना है कि, इस मामले में सही तरीके से जांच की जाए तो रायपुर में ही 500 करोड़ से ज्यादा स्कूल फीस, कॉपी किताब, ड्रेस के नाम पर लूट का खुलासा होगा।

मध्यप्रदेश के जबलपुर कलेक्टर की तरह कार्रवाई की मांग

सोशल एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने इस मामले को लेकर कलेक्टर से निजी स्कूलों में हो रही लूट पर अंकुश लगाने की मांग की है। उन्होंने रायपुर कलेक्टर से मांग की है, कि वे भी मध्यप्रदेश के जबलपुर कलेक्टर की तरह निजी स्कूलों में फीस के नाम पर की जा रही लूट पर अंकुश लगा कर स्कूलों से वसूली करके पालकों को उनका पैसा वापस दिलाएं।

जबलपुर कलेक्टर ने 240 करोड़ की वसूली का खेल किया उजागर 

दरअसल, मध्यप्रदेश के जबलपुर में कलेक्टर ने निजी विद्यालय अधिनियम 2017 के तहत 11 प्राईवेट स्कूलों पर कार्यवाही कर 240 करोड़ की वसूली का खेल उजागर करते हुए 11 स्कूल संचालकों सहित 51 लोगों पर FIR भी दर्ज कराई है।

छत्तीसगढ़ असासकीय फीस विनियमन अधिनियम 2020

सोशल एक्टिविस्ट कुणाल ने रायपुर कलेक्टर से मांग की है कि वे छत्तीसगढ़ अशासकीय फीस विनियमन अधिनियम 2020 के तहत निजी स्कूलों में फीस समिति का गठन और फीस निर्धारण और इसमें शामिल अन्य प्रावधानों के तहत निजी स्कूलों पर कार्रवाई करें। एक्टिविस्ट कुणाल ने कहा, कि अगर जिला कलेक्टर स्कूलों पर कार्रवाई नहीं करेंगे, तो वे इस मामले को लेकर न्यायालय की शरण में जाएंगे।

फ़ीस के नाम पर लूट से मौन अभिभावकों ने तोड़ी चुप्पी

राधेश्याम साहू, चित्रलेखा त्रिपाठी, मनोज विश्वकर्मा ने इस स्कूल के नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि बच्चों के भविष्य को देखकर कुछ नहीं बोलते, बर्दाश्त करते रहते हैं। लेकिन मनमानी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, नियम कानून होने के बाद भी लगाम नहीं लग रहा है। कार्यक्रम के नाम पर पैसा वसूला जाता है। कभी फैंसी ड्रेस के नाम पर वसूली की जाती है। हर साल फीस में मनमाने वृद्धि की जाती है। स्कूल वाले जहाँ से बताएंगे वहीं से बच्चे के लिए कपड़े, जूते, और पुस्तक कॉपी खरीदना होता है। कई ऐसे भी स्कूल हैं जो स्कूल में ही सबकुछ बेचते हैं।

अभिभावकों ने स्कूल और अपने नाम बच्चे का नाम नहीं बताने की शर्त का कारण स्पष्ट करते हुए बताया, कि शिकायत करो तो कार्रवाई के नाम पर थोड़ा-बहुत जुर्माना लगाया जाता है, जो खानापूर्ति के बराबर हो जाता है। उसके बाद बच्चों के साथ दुर्व्यवहार होता है।

आनन फानन में कार्रवाई और गिरफ़्तारी निंदनीय है
छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा, कि हम जांच का विरोध नहीं करेंगे। नियमानुसार जांच हो तो हमें कोई परेशानी नहीं है। जो दोषी पाए जाएंगे उस पर कार्रवाई नियमानुसार होनी चाहिए जैसे मध्य प्रदेश में हुआ। आनन-फानन में कार्रवाई और गिरफ्तारी और निंदनीय है।

कार्रवाई की माँग पर कलेक्टर ने कहा
रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा कि कार्रवाई क्यों नहीं की जाएगी। शिकायत मिलेगी शिकायत के आधार पर जाँच करेंगे, जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।

 


यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..

आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें


विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787


निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News

Now Available on :

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page